India News (इंडिया न्यूज), PM Modi Super Exclusive Interview:देश भर में लोकसभा चुनाव जारी है। पांचवें चरण के चुनाव के बाद आईटीवी नेटवर्क को दिए एक विशेष इंटरव्यू में पीएम मोदी ने द संडे गार्जियन की ऐश्वर्या पंडित शर्मा, न्यूजएक्स के एडिटर इन चीफ ऋषभ गुलाटी और इंडिया न्यूज के एडिटर इन चीफ राणा यशवंत से खुलकर बात की।
द संडे गार्डियन की पंडित ऐश्वर्या शर्मा के सवाल प्रधानमंत्री जी INDI अलायंस संपत्ति रिडिस्ट्रीब्यूशन की बात कर रही है। आपको क्या लगता है ये मुमकिन है, देश के मतदाता क्या ऐसे प्लान से प्रभावित होंगे?
इस सवाल के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसको टुकड़ों में नहीं देखना चाहिए, उनके पूरे थॉट प्रोसेस के साथ जोड़कर के देखना चाहिए। जब उनका मेनिफेस्टो आया था तब मैंने कहा था इस मेनिफेस्टो पर पूरी तरह से मुस्लिम लीग की छाप है। डॉ. मनमोहन सिंह जी का बयान था और उस मीटिंग में मैं मौजूद था, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। अब जब मैंने ये कहा तो मीडियावाले जो उनका इकोसिस्टम है, उसने तूफान खड़ा कर दिया कि मोदी जी तो गलत बोल रहे हैं। मैंने दो दिन के बाद मनमोहन सिंह जी की प्रेस कॉन्फ्रेंस लाकर के रख दी, तो फिर उनकी बोलते बंद हो गई। ये एक घटना है।
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उनके मेनिफेस्टो में कहा गया है कि अब ठेके में भी आरक्षण होगा, कॉन्ट्रेक्ट सिस्टम में भी आरक्षण। मतलब कहीं ब्रिज बन रहा है तो समझिए ब्रिज का ठेका किस आधार पर आज दिया जाता है। जो कंपनी लेना चाहती है वो रिसोर्सफुल है कि नहीं, एक्सपीरियंस है कि नहीं, कैपेबिलिटी है कि नहीं, उसके पास इस काम को समय पर करने की क्षमता है कि नहीं, इन सबको देख कर के उसको टेंडर मिलता है। वो, अब कहते हैं कि उसमें भी हम माइनॉरिटी को आरक्षण देंगें, मुसलमान को आरक्षण देंगे। इन सारी घटनाओं को एक साथ जोड़ कर देखें, वो कहते हैं कि हम इनहेरिटेंस टैक्स लगाएंगे। मतलब जो भी संपत्ति लेगा, उस संपत्ति पर अधिकार किसका होगा, जो मनमोहन सिंह जी ने कहा था उनका होगा। अगर ये सीधा-सीधा पूरा कैनवास पर रखो तो इसका लॉजिक यही निकलता है। ये देश कैसे स्वीकार करेगा।
दूसरा क्या दुनिया के किसी डेवलपिंग कंट्री ने इस प्रकार का पागलपन किया है क्या? आज तो भारत को मेहनत करके अपनी समस्याओं से बाहर निकलने की जरूरत है। हमने कोशिश कर 25 करोड़ नागरिकों को गरीबी से बाहर लेकर आए हैं, हमें ये कोशिश करनी चाहिए। पहले जहां सैकड़ों स्टार्टअप्स थे आज सवा लाख से ज्यादा स्टार्टअप्स हैं। यूनिकॉर्न्स हैं। आपको समाज में ताकत बढ़े उस दिशा में जाना चाहिए और वही सही परिणाम है।
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