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India News (इंडिया न्यूज),Iran Presidential Election: इब्राहिम रईसी की मौत के बाद ईरान अपने नए राष्ट्रपति का चुनाव करने की तैयारी कर रहा है। ईरान में 28 जून को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। सोमवार को उम्मीदवारों के पंजीकरण के पांच दिन बाद, आंतरिक मंत्री अहमद वाहिदी ने कहा कि 80 राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया है। नामांकन दाखिल करने वालों में उदारवादी, सुधारवादियों से ज़्यादा रूढ़िवादी और यहां तक कि अति-रूढ़िवादी उम्मीदवार, साथ ही कई मौलवी और चार महिलाएं शामिल हैं। आज तक ईरान के चुनावों में कोई भी महिला राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश नहीं कर पाई है।
इन 80 उम्मीदवारों में सबसे मशहूर उम्मीदवार 67 वर्षीय महमूद अहमदीनेजाद हैं। वे 2005 से 2013 तक लगातार दो बार ईरान के राष्ट्रपति रहे हैं। वे इज़राइल के बारे में अपनी भड़काऊ टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा, इस चुनाव की दौड़ में कई और बड़े नाम भी हैं, जैसे संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर ग़ालिबफ़, पूर्व राष्ट्रपति अली लारीजानी, जो उदारवादी हैं, और पूर्व परमाणु वार्ताकार सईद जलीली। इसके अलावा 4 और महिला उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है, जिनमें सांसद जोहरेह इलाहियन भी शामिल हैं। जोहरेह की छवि एक रूढ़िवादी नेता की है और वह हिजाब और शरिया कानून की कट्टर समर्थक हैं।
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ईरान में उम्मीदवारों के पंजीकरण के बाद ईरान की गार्जियन काउंसिल चुनाव लड़ने की अनुमति देती है। यह काउंसिल सीधे ईरान के सुप्रीम लीडर से जुड़ी हुई है, ईरान के विरोधियों का आरोप है कि यह काउंसिल उदारवादियों और सुप्रीम लीडर को नापसंद करने वाले लोगों को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं देती है। अब देखना यह है कि काउंसिल इस चुनाव में 80 उम्मीदवारों में से कितने को मंजूरी देती है।
ईरान की कानूनी व्यवस्था का विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि ईरान में राष्ट्रपति का चुनाव लोगों के वोट से नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से होता है। ईरान के इतिहास पर नजर डालें तो इस्लामिक क्रांति के बाद से ज्यादातर राष्ट्रपति सुप्रीम लीडर की विचारधारा के ही रहे हैं।
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