संबंधित खबरें
शादी के बाद बीवी को घुमाने कतर ले गया, फिर कर ली शेख के साथ ये डील, भारत लौटकर पत्नी ने सुनाई हैवानियत की दास्तां
नेपाल के अलावा इन देशों के नागरिक भारतीय सेना में दिखाते हैं दमखम, जानें किन देशों की सेना में एंट्री नहीं
‘केंद्रीय अर्धसैनिक बल, CISF और पुलिस के जवान पैसे लेते हैं तो…’ रिश्वत लेने वालों पर CM Mamata ने ये क्या कह दिया?
चलती बस से कूदी लड़की, बस में फैली यौन शोषण की…महिला के मेडिकल से हुआ बड़ा खुलासा
UP के इन 5 जगहों में नहीं लगेगा कोई फोन कॉल, CM Yogi के इस फैसले से ‘खास समुदाय’ की हो गई खटिया खड़ी
यूपी में भेड़िया के बाद बाघ का आतंक! हमले में किसान को उतारा मौत के घाट
India News(इंडिया न्यूज), Kanika Katiyar, Lok Sabha Leader of Opposition: देश को 10 साल बाद लोकसभा में विपक्ष का नेता मिलेगा। इस लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। कांग्रेस की सीटों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ऐसे में इस बार विपक्ष के नेता का पद खाली नहीं रहेगा। 2014 से 2024 तक पिछले 10 सालों में कांग्रेस के सभी सांसदों की संख्या कुल लोकसभा सदस्यों के 10 प्रतिशत से भी कम थी। इस बार कांग्रेस का कोई नेता न सिर्फ लोकसभा में विपक्ष का नेता होगा, बल्कि एक नेता महत्वपूर्ण लोक लेखा समिति का अध्यक्ष भी होगा, यानी पार्टी के दो नेता बड़े पदों पर एडजस्ट होंगे। समिति के अध्यक्ष की दौड़ में चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी आगे बताए जा रहे हैं।
सीएम केजरीवाल को लगा झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत पर लगाई रोक
बता दें कि 2014 में कांग्रेस को 52 सीटें मिली थीं, जबकि 2019 में उसे 55 सीटें मिली हैं। 2014 में कांग्रेस को लोक लेखा समिति की जिम्मेदारी लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और 2019 में अधीर रंजन चौधरी को देनी पड़ी थी। इसकी वजह यह थी कि पार्टी को 2014 में सिर्फ 44 और 2019 में 52 सीटें मिलीं और जरूरी 55 सीटें न होने की वजह से उसे विपक्ष के नेता का पद नहीं मिला। ऐसे में लोकसभा में पार्टी के नेता के प्रभाव और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्हें लोक लेखा समिति की जिम्मेदारी भी दी गई, ताकि उन्हें संसद भवन में कमरा, स्टाफ जैसी सुविधाएं मिल सकें।
अगर पार्टी इस लोकसभा चुनाव में 99 सीटें जीतती है तो उसे आधिकारिक तौर पर लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद मिल जाएगा, दर्जा कैबिनेट मंत्री का हो जाएगा, जिसकी वजह से उसे कमरा, स्टाफ जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी। इसलिए पार्टी ने फैसला किया है कि 10 साल बाद वह लोक लेखा समिति का अलग से चेयरमैन नियुक्त करेगी।
सूत्रों के अनुसार इस बार वरिष्ठ नेता और चंडीगढ़ से सांसद मनीष तिवारी इस रेस में सबसे आगे हैं। हालांकि राहुल गांधी के फैसला न लेने की वजह से पार्टी अभी तक नेता प्रतिपक्ष कौन होगा, इस पर फैसला नहीं ले पाई है। कांग्रेस कार्यसमिति ने राहुल को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने का प्रस्ताव पास कर दिया है। उन्होंने विचार करने के लिए समय मांगा है।
Hijab ban: 96 फिसदी मुस्लिम आबादी, फिर भी इस देश ने क्यों कसा हिजाब पर शिकंजा?
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.