संबंधित खबरें
इन 4 राशि के जातकों के वेशी योग से खुल जाएंगे भाग्य, इतनी मिलेगी सुख समृद्धि जिसे आप भी होंगे बेखबर, जानें क्या है आज का राशिफल?
चल रही है शनि की महादशा? इस तरीके से शनि महाराज से मांगें माफी, कट जाएंगे सारे कष्ट…दिखेगा शनि का अलग रूप
घर में शराब रखना होता है शुभ? आचार्य ने बताया रखने का सही तरीका…अचानक मिलने लगेंगी ये 3 अनमोल चीजें
आखिर क्या है वजह जो गर्भवती महिलाओं को नहीं काटते सांप, देखते ही क्यों पलट लेते हैं रास्ता? ब्रह्मवैवर्त पुराण में छुपे हैं इसके गहरे राज!
क्या आपके घर का मेन गेट भी है गलत दिशा में? तो हो जाएं सतर्क वरना पड़ सकता है आपकी जिंदगी पर बूरा असर!
अगर श्री कृष्ण चाहते तो चुटकियों में रोक सकते थे महाभारत का युद्ध, क्यों नही उठाए अपने अस्त्र? इस वजह से बने थे पार्थ के सारथी!
India News (इंडिया न्यूज), Raghupati Raghav Raja Ram: बचपन से हम सभी ये भजन सुनते आ रहे हैं “रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीता राम”। हिंदूओं के दिल के बेहद करीब है ये भजन। लेकिन इसमें एक शब्द जो है उसे लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। भजन में एक शब्द है अल्लाह आज के समय में इसकी बाते खूब होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं इस भजन में यह शब्द कैसे आया और उसकी जगह पर क्या था चलिए समझते हैं।
भक्ति गीत की उत्पत्ति के विभिन्न संस्करण हैं। जहां कुछ लोग भजन के लिए रामचरितमानस लिखने वाले तुलसीदास को श्रेय देते हैं, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि 17वीं सदी के मराठी कवि-संत रामदास ने इसे बनाया था। भजन की उत्पत्ति चाहे जो भी हो, इसके बोल भगवान राम की महिमा में गहराई से निहित थे।
जानकारी के अनुसार “रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीता राम” इस पंक्ति का अर्थ “रघुपति राघव राजाराम” जो रघु के पुत्र हैं और सभी लोगों के राजा हैं। “पतित पावन सीता राम” जो पापियों का उद्धार करते हैं और सीता राम का एक उपनाम हैं। कई लोग कहते हैं कि यह भजन श्री लक्ष्मणचार्य द्वारा लिखा गया था।
Aaj ka Rashifal: रविवार का दिन सभी के लिए लकी, जानें अपना राशिफल-Indianews
जानकारी के अनुसार इस भजन में अल्लाह शब्द नहीं था। असली भजन -”रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीता राम” और अल्लाह शब्द की जगह था”सुन्दर विग्रह मेघश्याम गंगा तुलसी शालिग्राम” यह पंक्ति थी। बाद में इस भजन में बदलाव कर ”अल्लाह” शब्द जोड़ा गया। इतिहासकारों का कहता है कि इस भजन में बदलाव राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के द्वारा किया गया था। बदलाव के बाद इस भजन में ”सुन्दर विग्रह मेघश्याम गंगा तुलसी शालिग्राम” की जगह “अल्लाह” शब्द आ गया। बदलाव के बाद इसकी चर्चा अक्सर होती है।
इतिहास के पन्नो को पलटें तो पता चलता है कि बदलाव का मुख्य उद्देश्य था अलग-अलग धर्मों को एकजुट करना। खासकर हिन्दू-मुस्लिम को एकजुट कर एक साथ लाना। यही कारण है कि इस भजन की पंक्तियों में अल्लाह शब्द जोड़ा गया।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.