India News (इंडिया न्यूज़), Guru Purnima: जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए गुरु का होना अत्यंत आवश्यक है। गुरु के आशीर्वाद और उनकी पूजा के लिए गुरु पूर्णिमा का दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व 21 जुलाई को मनाया जाएगा।
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष गुरु पूर्णिमा के दिन विशेष संयोग बन रहा है जो अभिष्ट सिद्धियों की प्राप्ति में सहायक होगा। काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में गुरु की पूजा से हर तरह की सिद्धियों की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाली समस्याएं दूर हो जाती हैं। 21 जुलाई रविवार के दिन पूरे दिनभर सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
इस विशेष दिन पर गुरु की पूजा करने से अनगिनत लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। गुरु की कृपा से जीवन में सफलता, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरु के प्रति श्रद्धा और समर्पण प्रकट करना अति आवश्यक है। इस दिन गुरु के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि और हर प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है। इस गुरु पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग का लाभ उठाएं और अपने गुरु की पूजा कर जीवन में नई ऊंचाइयों को प्राप्त करें।
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हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 20 जुलाई को शाम 5 बजकर 9 मिनट से होगी और यह तिथि अगले दिन 21 जुलाई को दोपहर बाद 3 बजकर 56 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार, गुरु पूर्णिमा का पर्व 21 जुलाई को मनाया जाएगा।
गुरु पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर, सर्वार्थ सिद्धि योग का विशेष संयोग बन रहा है। काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय के अनुसार, इस योग में गुरु की पूजा से हर तरह की सिद्धियों की प्राप्ति होती है और जीवन की समस्याएं दूर हो जाती हैं। 21 जुलाई, रविवार के दिन पूरे दिनभर सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इस दिन गुरु की पूजा और उनके आशीर्वाद से अनगिनत लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। गुरु की कृपा से जीवन में सफलता, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। अतः, इस गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु के प्रति श्रद्धा और समर्पण प्रकट करें और उनके आशीर्वाद से जीवन में नई ऊंचाइयों को प्राप्त करें।
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गुरु पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान का भी विशेष महत्व होता है। इस पावन अवसर पर, सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। स्नान के बाद अपने माता-पिता को गुरु मानकर उनके चरण स्पर्श करना चाहिए और उनके चरणों में पुष्प अर्पित करना चाहिए। इससे जीवन के संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इसके अतिरिक्त, इस दिन जरूरतमंदों को दान देना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। दान से न केवल समाज में सहायता और समर्थन का संदेश जाता है, बल्कि यह आत्मिक शांति और पुण्य भी प्रदान करता है। गुरु पूर्णिमा के इस पावन पर्व पर गंगा स्नान, माता-पिता के चरण स्पर्श, और दान के माध्यम से अपने जीवन को शुभ और सुखमय बनाएं। इस दिन की पूजा और आशीर्वाद से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और नए अवसरों की प्राप्ति होती है।
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इस प्रकार, गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा, गंगा स्नान और दान के माध्यम से जीवन के सभी संकटों को दूर करें और सफलता, शांति और समृद्धि की ओर अग्रसर हों।
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