Is Non Veg Harmful for Environment : प्रकृति ने हमें सब कुछ दिया है। अगर हम इसे सही तरीके से इस्तेमाल करें तो हमें कभी खाने की कमी नहीं होगी और हमारी सेहत भी सही रहेगी। लेकिन अगर हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने लगेंगे तो बदले में प्रकृति हम पर कहर बरपाएगी। आजकल हमारा खान-पान प्रकृति के अनुकूल नहीं है।
पिछले कुछ दशकों से हम नॉन वेज फूड पर टूट रहे हैं लेकिन ये हमारी प्रकृति को ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि नॉन वेज फूड वेज फूड की तुलना में 59 प्रतिशत ज्यादा ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में भागीदार है। यानी नॉन वेज फूड पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक है। हमारे वातावरण को जो गैस गर्म करने के लिए जिम्मेदार है, उसे ग्रीनहाउस गैस कहते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के आधार पर दावा किया है कि हम जितना हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाएंगे, उतना ही हम पर्यावरण की रक्षा कर पाएंगे जबकि नॉन वेज खाने से ज्यादा ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन होगा। अध्ययन में कहा गया है कि फूड प्रोडक्शन ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन का बहुत बड़ा स्रोत है। विश्व में लगभग एक तिहाई ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन फूड प्रोडक्शन के कारण ही होता है।
इससे पहले के अध्ययन में भी कहा गया था कि पर्यावरण अनुकूल वही भोजन सही है जो प्रोसेस्ड कम हो, जिसमें एनर्जी का घनत्व कम हो और जो पोषक तत्वों से भरपूर हो। इसके अलावा 212 वयस्कों की डाइट पर भी विश्लेषण किया गया। (Is Non Veg Harmful for Environment)
प्रमुख शोधकर्ता डॉ होली रीपीन के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन में 3233 फूड आइटम का विश्लेषण किया गया और यह जानने की कोशिश की गई कि इनमें से कौन से फूड आइटम कितने ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन करते हैं। इसके बाद पाया कि नॉन वेजिटेरियन डाइट वेजिटेरियन डाइट के मुकाबले 59 प्रतिशत ज्यादा ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन करती है। अध्ययन में कई और चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए। (Is Non Veg Harmful for Environment)
अध्ययन में दावा किया गया पुरुषों की डाइट महिलाओं की डाइट से 41 प्रतिशत ज्यादा ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन करती है। यह इसलिए क्योंकि पुरुष अपनी डाइट में मीट का सेवन ज्यादा करते हैं। अध्ययन में यह भी पाया गया कि जो लोग विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार सैचुरेटेड फैट, कार्बोहाइड्रेट और सोडियम का सेवन करते हैं, वह मानक से ज्यादा सेवन करने वाले लोगों की तुलना में कम ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन करते हैं। अध्ययन में लोगों को सलाह दी गई कि ज्यादा से ज्यादा प्लांट बेस्ड फूड लोगों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। यह पर्यावरण अनुकूल भी है और पोषक तत्वों से भरपूर भी है।
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