India News(इंडिया न्यूज), PM Modi Russia Visit: भारत और रूस के बीच दशकों पुरानी दोस्ती कल यानी सोमवार को नया आयाम लेगी, जब पीएम मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में पहली बार रूस की यात्रा पर जाएंगे। 2019 के बाद और रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार मोदी पुतिन के आमंत्रण पर मॉस्को जा रहे हैं। इस यात्रा को लेकर विदेशी मीडिया में चर्चाओं का दौर जारी है। चीन परेशान है। पाकिस्तान हैरान है और अमेरिका देख रहा है। पीएम मोदी इकलौते ऐसे नेता हैं, जिनकी अमेरिका और रूस दोनों से गहरी दोस्ती है, ऐसे में इस यात्रा का विश्व व्यवस्था पर क्या असर होगा, क्या यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस की रणनीति बदलेगी, रूस और भारत के बीच क्या समझौते होंगे, इस पर सबकी नजर रहेगी।
पीएम मोदी की यह यात्रा 2 दिन की होगी। वह 5 साल बाद रूस जा रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति पुतिन से पीएम मोदी की मुलाकात में कई समझौतों पर मुहर लगने की संभावना है। इसके अलावा पीएम मोदी रूस में भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे। इस यात्रा में भारत को SU-57 का तोहफा मिलने जा रहा है, तो वहीं मैंगो शेल्स पर भी अंतिम बातचीत हो सकती है, जिससे भारत की सैन्य ताकत बढ़ेगी।
10 साल में पीएम मोदी का यह छठा रूस दौरा होगा। प्रधानमंत्री 8-9 जुलाई को मॉस्को में रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इससे पहले वे 4-5 सितंबर 2019 को रूस गए थे।
दोनों नेताओं ने 21 मई 2018 को भी अनौपचारिक शिखर सम्मेलन किया था। इससे पहले दोनों नेताओं की मुलाकात 31 जून 2017 को सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भी हुई थी। इसके अलावा पीएम मोदी ने 2015 में दो बार रूस का दौरा किया था।
रूस के डिफेंस गिफ्ट हैम्पर में AK-203, मैंगो शेल्स शामिल हो सकते हैं। माना जा रहा है कि पीएम मोदी के दौरे के दौरान भारत और रूस के बीच पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट Su-57 के लिए भी समझौता हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह एक क्रांतिकारी कदम होगा। Su-57 रूसी वायुसेना का 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट है। इसकी खासियत स्टील्थ तकनीक है, यानी यह रडार की पकड़ में नहीं आता। इस जेट में दो सुपरसोनिक स्पीड इंजन लगे हैं। यही वजह है कि यह जेट 3,500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरता है। इस फाइटर जेट में दुनिया के सबसे उन्नत एवियोनिक्स लगाए गए हैं।
साथ ही यह दुनिया के सबसे उन्नत रडार सिस्टम से भी लैस है। एक फाइटर जेट की कीमत 5 हजार करोड़ रुपये तक आंकी गई है। क्योंकि अभी तक दुनिया में पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास हैं। अब इस लिस्ट में चौथा नाम भारत का होने जा रहा है। Su-57 दुनिया के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक है। यह फाइटर जेट कितना शक्तिशाली है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नाटो इसे सुखोई फेलन यानी किलर कहता है। इसकी लंबाई 20 मीटर है, फायरिंग रेंज 3500 किलोमीटर है और Su-57 5400 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है। 18,500 किलोग्राम वजन वाला यह विमान 35000 किलोग्राम वजन उठा सकता है। इसकी गति 2,140 किलोमीटर प्रति घंटा है।
दिलचस्प बात यह है कि पिछले कुछ सालों में रूस ने Su-57 को भारत की जरूरतों के हिसाब से ढाला है। SU-57 के लेटेस्ट वर्जन में स्टेज-2 इंजन का इस्तेमाल किया गया है। इससे SU-57 की स्टील्थ पावर बढ़ गई है। जिसकी वजह से SU-57 को रडार द्वारा पकड़ना और ट्रैक करना काफी मुश्किल हो गया है। इसके अलावा रूस भारतीय वायुसेना की उम्मीदों के मुताबिक Su-57 में कई अहम बदलाव भी कर रहा है।
भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया, प्रधानमंत्री का 8 जुलाई की दोपहर को मॉस्को पहुंचने का कार्यक्रम है। राष्ट्रपति पुतिन पीएम के लिए एक निजी डिनर का आयोजन करेंगे। अगले दिन प्रधानमंत्री रूस में भारतीय समुदाय से बातचीत करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री क्रेमलिन में अज्ञात सैनिक की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और मॉस्को में प्रदर्शनी का दौरा करेंगे। इन मुलाकातों के बाद दोनों नेताओं के बीच सीमित स्तर की बातचीत होगी। जिसके बाद प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति की अगुआई में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी।
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