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India News (इंडिया न्यूज), Control Uric Acid: गलत लाइफ स्टाइल और खान-पान की वजह से आज यूरिक एसि़ड की समस्या म हो चुकी है।बेहद आ यह हमारे शरीर का ही एक अपशिष्ट पदार्थ होता है जो कि रक्त में पाया जाता है। यदि यह शरीर से बाहर नहीं निकलता और ज्यादा मात्रा में जमा हो जाता है तो विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। अपनी दिनचर्या में बदलाव करके हम इस बीमारी पर काबू पा सकते हैं। तो आइए कुछ ऐसे उपायों के बारे में जानते हैं जिससे इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
यह शरीर में कोशिकाओं के टूटने से बनता है। हमारे शरीर में प्यूरिन नाम का एक रसायन होता है जब यह टूटता है तो यूरिक एसि़ड का निर्माण होता है। साथ ही हम जो भी खाते-पीते हैं उसमें भी यूरिक एसिड की मात्रा होती है। यदि यह यूरिक एसिड मल त्याग द्वारा शरीर से बाहर हो जाए तब तो ठीक है लेकिन यह तब खतरनाक हो जाता है जब किडनी ठीक तरीके से काम नहीं करती और यूरिक एसिड धीरे-धीरे शरीर में जमा होता जाता है। इस स्थिति में यह विभिन्न बीमारियों का कारण बनता है। जैसे- गठिया, गाउट इत्यादि। इस स्थिति को हाइपरयूरिसीमिया कहते हैं।
सामान्यत: पुरूषों में यूरिक एसिड की सामान्य मात्रा 3.4 से 7 मिलीग्राम से प्रति डेसीलीटर तक होती है, वहीं महिलाओं में 2.4 से 6 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर तक होती है। यदि इसकी मात्रा इससे कम या ज्यादा होती है तो इस स्थिति को हाई या लो यूरिक एसिड कहते हैं।
यह स्थिति तब होती है जब शरीर में यूरिक एसिड बनता ज्यादा है और पर्याप्त मात्रा में शरीर से बाहर निकल नहीं पाता है। हांलाकि इसकी कुछ और वजहें भी होती हैं। जैसे-
1.मोटापा
2.हाई ब्लड प्रेशर
3.किडनी प्रॉब्लम
4.अत्यधिक मात्रा में शराबका सेवन
5.मेटाबोलिक सिंड्रोम
इस बीमारी के लक्षण दिखें ही यह आवश्यक नहीं है। कई बार ऐसा भी होता है जब इस बीमारी के लक्षण ही दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन इन कुछ लक्षणों से हम इसकी पहचान कर सकते हैं। जैसे- जोडों में दर्द या सूजन महसूस होना, जोडों के आस-पास की स्कीन के कलर में बदलाव आना, जोडों का छूने पर ऊनमें दर्द महसूस होना इत्यादि।
नींबू पानी- ये यूरिक एसिड को बेअसर करने में बेहद मददगार होता है। इसमें मौजूद विटामिन सी शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कम कर देता है। एक गिलास गर्म पानी में नींदू निचोड़ लें और रोज सुबह खाली पेट पिेंए।
ग्रीन टी- यह शरीर को डिटॉक्स करता है और किडनी को बेहतर कार्य करने में मदद करता है। ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स सूजन को कम करता है। एक कप गर्म पानी में ग्रीन टी की पत्तीयां डालकर रोजाना दो बार पिएं।
सेब का सिरका- सेब का सिरका शरीर को डिटॉक्स करता है। इसमें एसिटिक एसिड होता है जो यूरिक एसिड को तोड़ने में और खत्म करने में बेहद मददगार होता है। एक गिलास पानी में एक टेबलस्पून कच्चा, बिना छना हुआ सेब का सिरका मिलाएं और भोजन से पहले पिएं।
आंवला जूस- आंवले में विटामिन सी का भंडार होता है। जो सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है। ताजे ऑवले को पीसकर छान लें। रोजाना खाली पेट एक छोटा गिलास पिएं।
खीरे का जूस- यह शरीर की गंदगी को शरीर से बाहर निकालता है और हमारे शरीर को हाईड्रट करता है। ताजे खीरे को पानी के साथ पिसकर छान लें, रोजाना एक गिलास पिएं।
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