India News (इंडिया न्यूज), Bharat Mata Temple: भारत माता मंदिर इस मंदिर का ख्याल आते ही मन में देवी-देवताओं की छवि बनने लगती है, उनकी याद आने लगती है। काशी में एक अनोखा भारत माता मंदिर है, जहां लोग देवी-देवताओं की मूर्तियों के सामने नहीं बल्कि भारत माता-अखंड भारत के नक्शे के सामने पूरी श्रद्धा से सिर झुकाते हैं। हर साल देश-विदेश से हजारों लोग मंदिर में दर्शन करने आते हैं। वहीं यहां जूते-चप्पल पहनकर प्रवेश वर्जित है।
मंदिर की आधारशिला 2 अप्रैल 1926 को भारत रत्न डॉ. भगवान दास ने रखी थी। इसके बाद मंदिर निर्माण के लिए शिल्पकारों की तलाश शुरू हुई। आखिरकार काशी के दुर्गा प्रसाद मंदिर बनवाने के लिए राजी हुए।
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अद्भुत अखंड भारत माता मंदिर आठ साल में बनकर तैयार हुआ। महात्मा गांधी ने 25 अक्टूबर 1936 विजयादशमी के दिन इसका उद्घाटन किया था। सफेद संगमरमर से बने मंदिर के गर्भगृह में देखा जाए तो वहां अखंड भारत का नक्शा देखने को मिलता है। Bharat Mata Temple
मंदिर में रखे 11 x 11 इंच के पत्थरों के 762 टुकड़ों से बने नक्शे को बहुत ही करीने से तराशा गया है। गर्भगृह 31 फीट 2 इंच लंबा और 30 फीट 2 इंच चौड़ा है।
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हमारी मातृभूमि इस नक्शे से 4 लाख 5 हजार 5 सौ गुना बड़ी है। सतही भूमि को एक इंच में 6.4 मील दर्शाया गया है, यानी एक इंच भूमि की लंबाई 6 मील 700 गज है। वहीं, समुद्र तट से 500, 1 हजार, 2 हजार, 3 हजार, 6 हजार, 10 हजार, 15 हजार, 20 हजार और 25 हजार फीट की ऊंचाई को साफ रेखाओं से काटकर दर्शाया गया है। पश्चिम तक लंबाई 32 फीट 2 इंच और उत्तर से दक्षिण तक 30 फीट 2 इंच है, जिसमें 11 इंच वर्गाकार मकराना के 762 सफेद पत्थरों को काटकर लगाया गया है।
इसमें हिमालय व अन्य पर्वतों की 450 चोटियों को 2 हजार फीट प्रति इंच की दर से काटकर दिखाया गया है। 800 छोटी व दो बड़ी नदियों को उनके उद्गम से लेकर गिरने वाले स्थान तक दो मार्गों में दिखाया गया है। इतना ही नहीं, वर्तमान समय के सभी नगरों, तीर्थ स्थलों व प्रांतों के नामों के साथ-साथ प्रमुख पर्वतों, पहाड़ियों, झीलों, नहरों व द्वीपों के नाम भी बखूबी दर्शाए गए हैं।
भारतभूमि के उत्तर में पामीर, तिब्बत, तुर्किस्तान, पूर्व में ब्रह्म देश, मलय प्रायद्वीप, चीन की महान दीवार का हिस्सा, बंगाल की खाड़ी के द्वीप, अफगानिस्तान, बलूचिस्तान व पश्चिम में अरब सागर को भी दर्शाया गया है। राष्ट्रीय पर्वों पर इसकी आभा और बढ़ जाती है। गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस मंदिर को गेंदे के फूलों से सजाया जाता है। इतना ही नहीं, मानचित्र में बनी नदियां व झरने भी पानी से भरे हुए हैं। Bharat Mata Temple
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