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India News(इंडिया न्यूज), Aanvi Kamdar: हिंदी सिनेमा के दिग्गज पटकथा लेखक जावेद अख्तर न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में अपनी बेजोड़ लेखनी के लिए जाने जाते हैं, बल्कि राष्ट्रीय और अन्य सामाजिक मुद्दों पर नियमित रूप से अपने विचार व्यक्त करने के लिए भी जाने जाते हैं। सोशल मीडिया से लेकर सार्वजनिक कार्यक्रमों तक जावेद अख्तर बेबाकी से अपनी आवाज उठाते रहे हैं। गुरुवार को अख्तर ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को लेकर चल रहे विवाद पर अपने विचार व्यक्त किए, जहां स्थानीय पुलिस ने दुकान पर मालिकों का नाम लिखने का आदेश दिया गया है।
जावेद अख्तर ने X पर लिखा, ‘मुजफ्फरनगर यूपी पुलिस ने निर्देश दिया है कि निकट भविष्य में किसी विशेष धार्मिक जुलूस के मार्ग पर सभी दुकानों, रेस्तराओं और यहां तक कि वाहनों पर मालिक का नाम प्रमुखता से और स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए। क्यों? नाजी जर्मनी में वे केवल विशेष दुकानों और घरों पर ही निशान बनाते थे’ पोस्ट के सोशल मीडिया पर आने के बाद ये चर्चा का विषय बनी हुई हैं। जिसके अंदर कई ऐसे लोग है जो अख्तर के समर्थन में सामने आए है। तो कई उनकी आलोचना करने में भी लगे हुए हैं।
Muzaffarnagar UP police has given instructions that on the route of a particular religious procession in near future all the shops restaurants n even vehicles should show the name of the owner prominently and clearly . Why ? . In Nazi Germany they used to make only a mark on…
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) July 18, 2024
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इसके साथ ही बता दें की उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों से उनके मालिकों के नाम प्रदर्शित करने को कहने पर उठे विवाद के बाद मुजफ्फरनगर पुलिस ने गुरुवार को कहा कि पुलिस ने सभी भोजनालयों से अपने मालिकों और कर्मचारियों के नाम ‘स्वेच्छा से प्रदर्शित’ करने का आग्रह किया है। साथ ही कहा कि इस आदेश का उद्देश्य किसी भी तरह का ‘धार्मिक भेदभाव’ पैदा करना नहीं है, बल्कि केवल श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए है।
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