संबंधित खबरें
एक तवायफ के लिए जब इन 2 कट्टर पंडितों ने बदल दिया था अपना धर्म…आशिक बन कबूला था इस्लाम, जानें नाम?
दैवीय शक्तियों का आशीर्वाद किन्नरों को दिया दान… इस अशुभ ग्रह को भी शांत कर देगा जो इस प्रकार किया ये कार्य?
12 साल बाद इस राशि में बनने जा रहा है महाशक्तिशाली गजलक्ष्मी राजयोग, 2025 शुरू होते ही इन 3 राशियों को छप्पर फाड़ देंगी पैसा
आपकी नाभि का ऐसा आकार चुटकियों में बता देगा आपके सारे राज…जानें कबतक मिलेगी सफलता और कैसे खुलेंगे धन के द्वार?
शरीर के शुभ अंगों पर इन तिलों को कैसे करें एक्टिवेट? मिलेगी इतनी दौलत संभाल नहीं पाएंगे!
क्या आपकी हथेलियों में भी बनता है आधा चांद…किस्मत का अजूबा है ऐसा होना, जानें क्या है मायने?
India News(इंडिया न्यूज), Ramayana: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वनवास के दौरान जहां-जहां भी श्री राम ने कदम रखे, उन-उन स्थानों पर मंदिर, तालाब और राम आर्य आदि का निर्माण किया गया। शास्त्रों में ऐसे कई स्थानों का वर्णन है जहां पर जब श्री राम जी ने कदम रखे तो उन स्थानों की मान्यता बढ़ गई। आज हम आपको श्री राम द्वारा बनाए गए ऐसे ही कुछ स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं।
जिसके बारें में शायद ही आपने सुना होगा, कथाओं के अनुसार लंका से लौटने के बाद भगवान श्री राम ने शिवालय, महिला, आश्रम, कुटिया आदि कई प्रकार के कार्य किए। लेकिन जिन कार्यों के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, वो कार्य श्री राम ने अपने वनवास के दौरान किए थे।
रामायण के अनुसार जब श्री राम गंगा पार करके चित्रकूट पहुंचे तो वहां गंगा और यमुना के संगम पर भारद्वाज ऋषि का आश्रम था। महर्षि ने श्री राम को उसी पहाड़ी की चोटी पर कुटिया बनाने की सलाह दी। जिसके बाद श्री राम ने वहां कुटिया बनाई और वहीं रहने लगे। इसके बाद वो नासिक के पंचवटी क्षेत्र में गए, यहां भी उन्होंने कुटिया बनाई। फिर वे सीता माता की खोज में निकल पड़े और रास्ते में जहां भी उन्हें कुछ दिन रुकना पड़ता, वहां वे एक कुटिया बना लेते। बाद में रामेश्वरम और अंत में श्रीलंका में कुटिया बनाने का उल्लेख कई धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। Ramayana
चाय के शौकीनों ने छोड़ दी Tea तो 1 महीने में शरीर पर दिखेंगे ये बदलाव
धार्मिक कथाओं में कहा गया है कि श्री राम, श्री लक्ष्मण और माता सीता ने वनवास के दौरान अपने वस्त्र और जूते स्वयं बनाए और उन्हें पहना।
तुलसीदास जी की रामायण के अनुसार भगवान श्री राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने से पहले रामेश्वरम में भगवान शिव की पूजा की और यहां एक शिवलिंग की स्थापना की, जिसे वर्तमान में भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
क्या है Heteropaternal Superfecundation? एक ही समय पर दो लोगों के बच्चों को दे सकती है जन्म
लंका में प्रवेश करने और सीता माता को रावण के चंगुल से मुक्त कराने के लिए भगवान श्री राम ने नल नील पर दुनिया का पहला पुल बनाया जो समुद्र के ऊपर से होकर गुजरा। वर्तमान में इसे राम सेतु के नाम से जाना जाता है। जबकि पुरानी कथाओं के अनुसार श्री राम ने इस पुल का नाम नल सेतु रखा था।
Kashmera Shah ने क्यों लगाई Archana Gautam की क्लास, बोली-थप्पड़ मारूंगी…
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.