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India News (इंडिया न्यूज), Union Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा केंद्रीय बजट से एक दिन पहले सोमवार (22 जुलाई) को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। जो अर्थव्यवस्था और भविष्य के विकास परिदृश्य पर रिपोर्ट कार्ड होगा। इस सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था की स्थिति, संभावनाओं और नीतिगत चुनौतियों का विस्तृत विवरण दिया गया है। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंथा नागेश्वरन के नेतृत्व वाली टीम ने तैयार किया है।आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ रोजगार, जीडीपी वृद्धि, मुद्रास्फीति और बजट घाटे के आंकड़ों पर सांख्यिकीय जानकारी और विश्लेषण प्रदान करता है।
बता दें कि, भारत ने सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में अपना टैग बरकरार रखा है। आर्थिक सर्वेक्षण ऐसे समय में प्रस्तुत किया जाएगा जब आईएमएफ ने वित्त वर्ष 25 के लिए देश के लिए अपने आर्थिक विकास पूर्वानुमान को अप्रैल में अनुमानित 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है।आईएमएफ ने कहा कि भारत में विकास के पूर्वानुमान को भी इस वर्ष संशोधित कर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। जिसमें 2023 में वृद्धि के लिए किए गए संशोधनों और निजी खपत, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर संभावनाओं को दर्शाया गया है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ने जून में विकास पूर्वानुमान को 7 प्रतिशत से संशोधित कर 7.2 कर दिया था।
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भारतीय रिजर्व बैंक का मानना है कि जीएसटी जैसे संरचनात्मक आर्थिक सुधारों के कारण भारत निरंतर आधार पर 8 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि की ओर आगे बढ़ रहा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अगर आप पिछले तीन वर्षों में भारत द्वारा दर्ज की गई औसत वृद्धि को देखें, तो औसत 8.3 प्रतिशत आता है और चालू वर्ष के लिए हमने 7.2 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक वृद्धि में 18.5 प्रतिशत का योगदान दिया। जो एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि यह 7 या 8 साल पहले बहुत कम थी। उन्होंने कहा कि आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि यह वृद्धि बढ़ेगी।
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