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India News (इंडिया न्यूज़), Yamraj Temple: हर कोई जानता है की धनतेरस की शाम को यम देवता की पूजा की जाती है। इस दिन यम देव के नाम का दिया जलाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन दिया जलाने से इंसान अपनी अकाल मृत्यु से बच जाता है। लेकिन ये भी सच है कि हर इंसान की एक न एक दिन मृत्यु होनी ही है। कथाओं में कहा जाता है की आत्मा को स्वर्ग या नर्क भेजने से पहले उन्हें एक मंदिर में ले जाया जाता है, जहां उसके पाप और पुण्य का हिसाब होता है, फिर यमराज उस आत्मा को अपने साथ ले जाते हैं। अब हर किसी के मन में एक सवाल होगा की पृथ्वी पर ऐसा कौन सा मंदिर है, जहां यमराज मरे हुए व्यक्ति को साथ ले जाते हैं।
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हिमाचल प्रदेश के चंबा को देवी-देवताओं की भूमि कहा जाता है। कहा जाता है की यहां हजारों की संख्या में मंदिर हैं। इसके साथ ही कथाओं में कहा जाता है कि हिमाचल के मनु की नगरी मनाली में सृष्टि की रचना हुई थी। वहीं चंबा के शाम चौरासी मंदिर में यमराज की कचहरी लगती है। जहां इंसान के अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब होता है। चंबा के भरमौर में शाम चौरासी में यमराज का इकलौता ऐसा मंदिर है। यहां यमराज की कचहरी लगती है और मृत्य के बाद हर इंसान की आत्मा को यहां लाया जाता है।
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चौरासी में यमराज तय करते कि जो आत्मा आई है वो वह स्वर्ग लोक जाएगी या नरकलोक। शाम चौरासी मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां पर यमराज व्यक्ति के कर्मों का फैसला करते हैं। और फिर उसका लोक तय होता है। यह मंदिर देखने में एक घर की तरह दिखाई देते हैं। चौरासी मंदिर में एक कमरे में यमराज विराजमान हैं तो दूसरे कक्ष चित्रगुप्त रहते हैं।
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