संबंधित खबरें
चल रही है शनि की महादशा? इस तरीके से शनि महाराज से मांगें माफी, कट जाएंगे सारे कष्ट…दिखेगा शनि का अलग रूप
घर में शराब रखना होता है शुभ? आचार्य ने बताया रखने का सही तरीका…अचानक मिलने लगेंगी ये 3 अनमोल चीजें
आखिर क्या है वजह जो गर्भवती महिलाओं को नहीं काटते सांप, देखते ही क्यों पलट लेते हैं रास्ता? ब्रह्मवैवर्त पुराण में छुपे हैं इसके गहरे राज!
क्या आपके घर का मेन गेट भी है गलत दिशा में? तो हो जाएं सतर्क वरना पड़ सकता है आपकी जिंदगी पर बूरा असर!
अगर श्री कृष्ण चाहते तो चुटकियों में रोक सकते थे महाभारत का युद्ध, क्यों नही उठाए अपने अस्त्र? इस वजह से बने थे पार्थ के सारथी!
आखिर क्या वजह आन पड़ी कि भगवान शिव को लेना पड़ा भैरव अवतार, इन कथाओं में छुपा है ये बड़ा रहस्य, काशी में आज भी मौजूद है सबूत!
India News(इंडिया न्यूज), Swastik Banane Ka Tarika: स्वास्तिक भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण और प्राचीन प्रतीक है, जिसे सुख, समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है। यह प्रतीक भारतीय उपमहाद्वीप के धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक आचार-व्यवहार में विशेष महत्व रखता है। स्वास्तिक की आकृति चार बराबर भागों में बंटी होती है, जो स्थिरता और चारों दिशाओं की सुरक्षा का प्रतीक है।
स्वास्तिक एक धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक है, जिसे प्राचीन काल से भारतीय उपमहाद्वीप में उपयोग किया जाता रहा है। यह प्रतीक चार समान लंबाई की रेखाओं से बना होता है, जो एक क्रॉस के चारों ओर मुड़ी हुई होती हैं, जिससे एक ‘S’ जैसी आकृति बनती है। स्वास्तिक का उपयोग विभिन्न धर्मों में शुभता, समृद्धि और सौभाग्य के प्रतीक के रूप में किया जाता है।
हिंदू धर्म में स्वास्तिक को भगवान विष्णु और भगवान गणेश की कृपा का प्रतीक माना जाता है, जबकि बौद्ध धर्म में इसे शांति और जैन धर्म में सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। भारतीय संस्कृति में स्वास्तिक को सौभाग्य, खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इसे घर के दरवाजे, धार्मिक ग्रंथों और वस्त्रों पर अंकित किया जाता है, ताकि घर में सुख-शांति बनी रहे और सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती रहे।
इस प्रकार, आपके पास एक प्लस (+) का आकार होगा, जिसमें कोई भी रेखा दूसरी रेखा को काटे बिना बनी है। अब इस प्लस के चारों कोनों पर छोटी रेखाएं खींचें, जो बाहर की ओर मुड़ी हुई हों। प्रत्येक कोने पर रेखाएं चारों दिशाओं में मुड़ी हुई बनाएं। स्वास्तिक के मध्य में चार छोटे बिंदियाँ भी रखें।
महादेव के परम भक्त…3 क्विंटल वजनी 54 फीट का कांवड़, 54 घंटे में पटना से भक्ति में लीन हो पहुंचे देवघर
स्वास्तिक का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। इसे घर में लगाने से धार्मिक शांति और आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा प्रदान करता है। घर में सुख, शांति और समृद्धि का वातावरण बनाने में मदद करता है। स्वास्तिक को शुभता और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है और इसे घर के दरवाजे, पूजा स्थल, और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाने से परंपराओं और सांस्कृतिक मान्यताओं का सम्मान होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, स्वास्तिक को घर में लगाने से वास्तु दोष कम होते हैं और घर में संतुलन और स्थिरता बनाए रखने में सहायता मिलती है।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.