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India News (इंडिया न्यूज), Taj Mahal As Mumtaz Mahal: ताजमहल को मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया था। मुमताज़ महल की मृत्यु 1631 में हुई थी, और ताजमहल का निर्माण 1632 में शुरू हुआ और 1653 तक पूरा हुआ। ताजमहल का असली नाम “मुमताज़ महल” है। ताजमहल, जिसे आमतौर पर “ताजमहल” के नाम से जाना जाता है, वास्तव में मुमताज़ महल के लिए एक मकबरा है। मुमताज़ महल, शाहजहाँ की पत्नी थीं, जिनकी मृत्यु के बाद शाहजहाँ ने उनकी याद में इस भव्य स्मारक का निर्माण करवाया। ताजमहल का पूरा नाम “मुमताज़ महल” के सम्मान में रखा गया था।
ताजमहल की वास्तुकला एक आदर्श उदाहरण है मुग़ल वास्तुकला का, जिसमें फारसी, इस्लामी, और भारतीय स्थापत्य तत्वों का मेल है। यह सफेद संगमरमर से बना है और इसके चारों कोनों पर मीनारें हैं। इसमें एक केंद्रीय गुंबद है जो एक विशाल आयताकार बगीचे के ऊपर स्थित है।
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ताजमहल की सजावट के लिए विभिन्न प्रकार के कीमती पत्थरों का उपयोग किया गया है, जैसे कि जैस्पर, कार्नेलियन, और अमेथिस्ट। संगमरमर पर इन पत्थरों की इनले वर्क की गई है, जिसे “पैचवर्क” कहा जाता है।
ताजमहल को हर साल कई बार साफ किया जाता है। इसके सफेद संगमरमर को बचाने के लिए विशेष सावधानियाँ बरती जाती हैं, जैसे कि उसके चारों ओर पेड़-पौधे लगाए जाते हैं ताकि धूल और प्रदूषण से बचाया जा सके।
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ताजमहल को 2007 में “दुनिया के सात अजूबों” में शामिल किया गया। इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी मान्यता प्राप्त है।
ताजमहल को लेकर कई विवाद भी रहे हैं, जैसे कि इसके रंग बदलने की अफवाहें और संरक्षण के मुद्दे। भारतीय सरकार और विभिन्न संस्थाएं ताजमहल की सफाई और संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
ये सभी जानकारी ताजमहल के ऐतिहासिक और वास्तुकला के महत्व को और अधिक उजागर करती है।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
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