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India News (इंडिया न्यूज), China Reaction On India Peacemaker Role In Russia Ukraine War: पीएम मोदी (PM Modi) के एक फैसले के बाद पूरी दुनिया में रूस और यूक्रेन की जंग एक बार फिर से हॉट टॉपिक बन गई है। पीएम मोदी, जुलाई में रूस के बाद अगस्त में यूक्रेन के दौरे पर पहुंचे थे। जहां उन्होंने साफ-साफ संदेश दे दिया है कि भारत दोनों देशों के बीच शांति की वकालत करता है। पीएम मोदी ने व्लादिमीर पुतिन को गले लगाने के बाद यूक्रेन जाकर वोलोडिमिर जेलेंस्की को भी हग किया और पूरी दुनिया में भारत की इमेज शांतिदूत बनकर उभरी। वहीं, अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि चीन इस बात से जल-भुन गया है।
पीएम मोदी की यूक्रेन विजिट पर दुनिया भर की नजरें बनी हुई थीं। इस सक्सेसफुल विजिट के बाद पीएम मोदी शांति संदेश देकर निकले तो कई देशों ने उम्मीद जताई है कि भारत, रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग रुकवा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे से पहले ही चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग रूस पहुंच गए थे और वहां राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात भी की। इस चीन की सोची समझी चाल बताया जा रहा है। चीन पहले भी रूस की तरफ झुकाव को खुलकर जाहिर कर चुका है। राष्ट्रपति जिनपिंग ने तो साफ-साथ कह दिया था कि चीन, रूस को आर्थिक मदद करने जारी रखेगा।
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वहीं, अब जब रूस और यूक्रेन दोनों ही भारत की तरफ झुक रहे हैं तो चीन को ये बात फूटी आंख नहीं सुहा रही है। चीन की जलन इस हद तक पहुंच चुकी है कि चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा पर टिप्पणी की गई है। इस अखबार में रूस-यूक्रेन वॉर के बीच में भारत की शांतिदूत की भूमिका को सिरे से नकार रहा है। अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने युद्ध झेल रहे दो देशों के बीच जंग खत्म करने के उत्सुकता जरूर दिखाई है लेकिन उसके पास ये काम करने की क्षमता नहीं है, ये भारत के प्रधानमंत्री की अपनी इमेज बनाने की एक कोशिश भर है।
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