संबंधित खबरें
आखिर क्या है वजह जो गर्भवती महिलाओं को नहीं काटते सांप, देखते ही क्यों पलट लेते हैं रास्ता? ब्रह्मवैवर्त पुराण में छुपे हैं इसके गहरे राज!
क्या आपके घर का मेन गेट भी है गलत दिशा में? तो हो जाएं सतर्क वरना पड़ सकता है आपकी जिंदगी पर बूरा असर!
अगर श्री कृष्ण चाहते तो चुटकियों में रोक सकते थे महाभारत का युद्ध, क्यों नही उठाए अपने अस्त्र? इस वजह से बने थे पार्थ के सारथी!
आखिर क्या वजह आन पड़ी कि भगवान शिव को लेना पड़ा भैरव अवतार, इन कथाओं में छुपा है ये बड़ा रहस्य, काशी में आज भी मौजूद है सबूत!
इन 3 राशि के जातकों के लिए खास है आज का दिन, गजकेसरी योग से होगा इतना धन लाभ की संभाल नही पाएंगे आप! जानें आज का राशिफल
एक तवायफ के लिए जब इन 2 कट्टर पंडितों ने बदल दिया था अपना धर्म…आशिक बन कबूला था इस्लाम, जानें नाम?
India News (इंडिया न्यूज़), Garbh Geeta: गर्भ गीता, जिसे गर्भस्थ उपनिषद के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है जो गर्भ में भ्रूण के अनुभवों का वर्णन करता है। गर्भ गीता के अनुसार, भ्रूण अपने विकास के दौरान विभिन्न शारीरिक और भावनात्मक चुनौतियों से गुजरता है, जिनमें शामिल हैं। जब कोई महिला मां बनने वाली होती है तो एक मां को कई तरह की परेशानियां होती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गर्भ के अंदर भी बच्चे को भी बहुत पीड़ा सहनी पड़ती है। जिसके बारे में गर्भ गीता में बताया गया है।
1. अंधकार और बंधन: भ्रूण अंधकार की स्थिति में होता है और गर्भ के भीतर सीमित महसूस करता है।
2. दर्द और बेचैनी: भ्रूण को तंग जगह और माँ की शारीरिक गतिविधियों के कारण दर्द और बेचैनी का अनुभव होता है।
3. डर और चिंता: भ्रूण को अज्ञात परिवेश और गर्भ के बाहर से आने वाली आवाज़ों के कारण डर और चिंता महसूस होती है।
4. मुक्ति की लालसा: भ्रूण गर्भ से मुक्ति और बाहरी दुनिया का अनुभव करने के अवसर की लालसा करता है।
गर्भ गीता गर्भ में भ्रूण के अनुभवों को आध्यात्मिक शुद्धि के रूप में वर्णित करती है, जो उसे जन्म के बाद के जीवन के लिए तैयार करती है। पाठ गर्भावस्था के दौरान माँ की भावनाओं और कार्यों के महत्व पर भी जोर देता है, जो भ्रूण के विकास और भविष्य के जीवन को प्रभावित करता है।
– “मैं इस गर्भ में सीमित हूँ, अंधकार से घिरा हुआ हूँ, और हिलने-डुलने में असमर्थ हूँ।”
– “मैं विभिन्न पीड़ाओं और असुविधाओं से ग्रस्त हूँ, और मैं मुक्ति की लालसा करता हूँ।”
– “मैं बाहरी दुनिया की आवाज़ें सुनता हूँ, लेकिन मैं उन्हें देख या अनुभव नहीं कर पाता हूँ।”
किसकी एक गलती से दो भागों में बट गए मुसलमान! आज भी जानी दुश्मनी
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.