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India News Bihar (इंडिया न्यूज) Bihar Ration Card: बिहार में 16 लाख 37 हजार राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। ये कार्ड मृत व्यक्ति के नाम पर थे, जिस पर हर महीने 5 किलो अनाज लिया जा रहा था। ई-केवाईसी के जरिए खुलासा होने के बाद खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण विभाग ने अवैध राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं।
खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण विभाग के सचिव एन सरवन कुमार ने बताया कि जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम राशन कार्ड से हटा दिए गए हैं। ई-केवाईसी करने के बाद यह आंकड़ा सामने आया है। उन्होंने बताया कि 8 करोड़ 35 लाख राशन कार्ड में से 8 करोड़ 4 लाख यानी 95 फीसदी कार्डधारकों की आधार सीडिंग हो चुकी है। 5 करोड़ 10 लाख लोगों का ई-केवाईसी हो चुका है, जबकि 3 करोड़ 24 लाख की प्रक्रिया चल रही है। ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद और कार्ड भी रद्द किए जाएंगे।
सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के संवाद में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव @saravanakr_n का प्रेस कॉन्फ्रेंस।@LeshiSingh @food_bihar#BiharFoodConsumerProtectionDept pic.twitter.com/ksFLXqqjEs
— IPRD Bihar (@IPRDBihar) September 11, 2024
खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण सचिव एन. सरवन कुमार ने बताया कि 2 लाख 77 हजार ऐसे परिवार हैं जो दूसरे राज्यों में मजदूरी कर रहे हैं। वन नेशन वन राशन योजना के तहत एक ही जगह से अनाज लिया जा सकता है, लेकिन वे दूसरे राज्यों में भी अनाज उठा रहे हैं। राजधानी दिल्ली में इनकी संख्या सबसे ज्यादा 1 लाख 95 हजार है। बिहार के परिवार भी हरियाणा, पंजाब, हिमाचल समेत दूसरे राज्यों में अनाज उठा रहे हैं। बिहार में दूसरे राज्यों के ऐसे सिर्फ 6 हजार परिवार हैं जो पीडीएस से अनाज ले रहे हैं।
विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 90 प्रतिशत परिवारों की मुखिया महिलाएं हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 1 करोड़ 97 लाख परिवारों को राशन कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें से 22 लाख 88 हजार अंत्योदय अन्न योजना के कार्ड हैं, जबकि 1 करोड़ 74 लाख राशन कार्ड पीएचएच श्रेणी के हैं। इन राशन कार्डों में 90 प्रतिशत कार्डधारक परिवारों में मुखिया के तौर पर महिलाओं का नाम है।विभाग के अनुसार, राज्य में 65.61 लाख से अधिक राशन कार्डधारक हैं।
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