संबंधित खबरें
सफेद बालों को मिनटों में काला करने के लिए लगाएं ये नेचुरल हेयर डाई, बस नारियल तेल में मिला लें ये 4 चीजें
बाजार में बिक रहे हैं चाइनीज लहसुन, देश का हो रहा है भारी नुकसान, देखकर ऐसे करें पहचान
हाथ-पैर में अचानक उठती है झुनझुनी? इन 5 खतरनाक बीमारी का है लक्षण, हालत बिगड़ने से पहले जान लें ये बातें
इस एक बीमारी के होते ही महिलाओं में रुक जाता है पीरियड्स का आना? शरीर को सड़ा देती है ये एक कमी
बस मिलानी होगी सरसो के तेल में ये काली चीज और महीनो तक रहेंगे नेचुरल काले बाल, हमेशा के लिए भूल जाएंगे मेहंदी कलर लगाना?
कुछ घंटों में ही छाती में जमे कफ को जड़ से खींच के निकाल देगा ये जादुई नुस्खा, आती हुई सर्दियों में नहीं है किसी रामबाण से कम?
India News (इंडिया न्यूज़), Craving Of Pakodas In Monsoon: बरसात का मौसम शुरू होते ही मन में सबसे पहले चाय और गरमागरम पकौड़ों की याद आना स्वाभाविक है। आपने भी अक्सर इस मौसम में चाय-पकौड़ों का आनंद लिया होगा और दूसरों को भी इसे चखने की सलाह दी होगी। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बारिश के साथ चाय और पकौड़ों की चाहत क्यों बढ़ जाती है, और अन्य खाद्य पदार्थों की क्यों नहीं? इसका कारण केवल स्वाद नहीं, बल्कि इसके पीछे एक वैज्ञानिक तर्क भी छिपा है।
आर्टेमिस हॉस्पिटल्स में क्लिनिकल न्यूट्रीशन एंड डायटेटिक्स की विशेषज्ञ डॉ. अंशुल सिंह बताती हैं कि भारत में शायद ही कोई घर होगा जहां बारिश में चाय और पकौड़े न बनाए जाते हों। यह सिर्फ एक पुरानी परंपरा नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी फायदेमंद साबित होता है।
खाते समय क्यों मगरमच्छ की आँखों से बहते हैं आंसू…वजह जानकर हर एक उड़ जाते है होश?
डॉ. अंशुल बताती हैं कि पकौड़ों में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख तत्वों पर नजर डालें तो इसमें बेसन, विभिन्न मसाले और सब्जियों का उपयोग किया जाता है। आलू, प्याज, लौकी, कद्दू जैसी सब्जियों के अलावा मूंग दाल आदि के पकौड़े भी बनाए जाते हैं। ये सभी सामग्री स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती हैं। अगर इन्हें अच्छे तेल में पकाया जाए, तो इनसे सेहत को कोई नुकसान नहीं होता। बेसन और मसाले भी विटामिन, प्रोटीन, ऊर्जा और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत होते हैं। वहीं, चाय का गर्म कप न केवल स्फूर्ति प्रदान करता है बल्कि बारिश के ठंडे मौसम में शरीर को गरमाहट भी देता है।
चाय और पकौड़े की लालसा केवल स्वाद तक सीमित नहीं है, इसके पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं। बारिश के दिनों में सूर्य का प्रकाश कम होने से शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है, और ‘हैप्पी हार्मोन’ सेरोटोनिन का स्तर भी गिरने लगता है। इस स्थिति में हमारा शरीर कार्बोहाइड्रेट की मांग करता है, और पकौड़े इसका बेहतरीन स्रोत होते हैं। इसके साथ ही पकौड़े खाने से सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है, जिससे हमारा मूड अच्छा हो जाता है। इसके अलावा, तली हुई चीजें ब्रेन में डोपामाइन का स्राव बढ़ाती हैं, जिससे हमें खुशी का अनुभव होता है। इस तरह पकौड़े मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभदायक साबित होते हैं।
अकबर के वो 5 काले सच, जानें इतिहास से भी कैसे रखे गए छिपाकर
जब भी बारिश में चाय-पकौड़े बनते हैं, तो अधिकांश लोग इसे अकेले नहीं खाते। परिवार के सभी सदस्य साथ बैठकर इस स्वादिष्ट नाश्ते का आनंद लेते हैं। यह समय हंसी-मजाक और बातचीत का माहौल तैयार करता है, जिससे पारिवारिक संबंध और भी मजबूत होते हैं। इस प्रकार, चाय-पकौड़े केवल खाने का साधन नहीं, बल्कि परिवार को करीब लाने का अवसर भी होते हैं।
हालांकि, पकौड़े खाने में सावधानी बरतना जरूरी है। सीमित मात्रा में इन्हें खाना सेहत के लिए अच्छा होता है, लेकिन अधिक मात्रा में पकौड़े खाने से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर के बढ़ने का खतरा होता है। इसलिए, बारिश के मौसम में कभी-कभी चाय और पकौड़े का आनंद लें, लेकिन संयम के साथ।
पिता की हार और…वह हिंदू राजा जिसके महल में मुगल सम्राट अकबर ने लिया था जन्म?
बरसात के मौसम में चाय और पकौड़े खाने की परंपरा केवल स्वाद के कारण नहीं है, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक और सामाजिक कारण भी हैं। यह न केवल शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है, बल्कि मन को प्रसन्न करता है और परिवार के साथ सुखद समय बिताने का मौका भी देता है।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.