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India News (इंडिया न्यूज),Bangladesh:बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस अमेरिका में हैं, राष्ट्रपति जो बाइडन से उनकी मुलाकात की तस्वीरों ने दुनिया का ध्यान खींचा है। इन तस्वीरों में बाइडन मोहम्मद यूनुस पर प्यार लुटाते नजर आ रहे हैं। बाइडन ने न सिर्फ यूनुस का हाथ गर्मजोशी से थामा बल्कि किसी पुराने दोस्त की तरह उन्हें प्यार से गले भी लगाया। मोहम्मद यूनुस और जो बाइडन की मुलाकात की इन तस्वीरों को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। एक तबका इसे अमेरिका से सुधरते रिश्तों की तस्वीर बता रहा है तो दूसरा तबका शेख हसीना सरकार के तख्तापलट में अमेरिका की भूमिका पर फिर सवाल उठा रहा है।
दरअसल, इन दिनों न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र की आम बहस चल रही है, दुनिया भर के 120 से ज्यादा देशों के राष्ट्राध्यक्ष अपने विचार रखने के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे हैं। इसमें हिस्सा लेने के लिए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस भी न्यूयॉर्क में हैं। उन्होंने यूएनजीए के इतर बाइडन से मुलाकात की, दशकों बाद किसी बांग्लादेशी शासनाध्यक्ष की अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ ऐसी तस्वीरें देखने को मिली हैं।
After the failed regime-change effort in Venezuela and Congo’s handing down of death sentences to three Americans for a coup attempt, Biden today met the nominal head of Bangladesh’s new military-installed regime, Muhammad Yunus, and extended “full support” to his usurper regime. pic.twitter.com/EGW3uVM78c
— Brahma Chellaney (@Chellaney) September 24, 2024
इस मुलाकात को लेकर व्हाइट हाउस की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि बाइडन ने मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का सलाहकार बनाए जाने पर बधाई दी, दोनों नेताओं ने बांग्लादेश और अमेरिका के बीच आपसी साझेदारी को मजबूत करने पर भी सहमति जताई है। साथ ही राष्ट्रपति बाइडन ने बांग्लादेश में नए सुधारों को लागू करने के लिए अंतरिम सरकार का समर्थन किया है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, ढाका स्थित अमेरिकी दूतावास और बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के ट्विटर (एक्स) हैंडल से बाइडन और मोहम्मद यूनुस के बीच मुलाकात की तस्वीरें पोस्ट की गई हैं।
एशियाई भू-राजनीति और सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बिडेन और यूनुस के बीच हुई मुलाकात की तस्वीर पोस्ट कर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा, ‘वेनेजुएला में तख्तापलट की नाकाम कोशिश और कांगो में तख्तापलट की कोशिश के लिए 3 अमेरिकी अधिकारियों को मौत की सजा के बाद जो बिडेन ने बांग्लादेश की सैन्य-स्थापित सरकार के नाममात्र प्रमुख मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की और उनकी सरकार को ‘पूरा समर्थन’ दिया।’
वहीं, अर्थशास्त्री डॉ. सुब्रतो रॉय ने भी इन तस्वीरों पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘बांग्लादेश भारत की वजह से ही एक स्वतंत्र और संप्रभु देश बना रहा, लेकिन अब उसे चुनना है कि वह स्वतंत्र रूप से इस्लामवादी बनेगा या अमेरिका के निर्देशों पर चलने वाला देश।’इसके अलावा डॉ. प्रकाश नाम के यूजर ने लिखा है, ‘व्हाइटहाउस स्टाइल डेमोक्रेसी में निर्वाचित नेता पर तख्तापलट की कठपुतली।’
वहीं, एक अन्य यूजर फातिमा तुज जोहरा ने लिखा है, ‘आप (मोहम्मद यूनुस) लोगों के वोट से नहीं चुने गए हैं और आपको किस शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिला है? मोहम्मद यूनुस ने कभी गरीबों की मदद नहीं की, उन्होंने सिर्फ उन्हें लोन दिया।
बांग्लादेश में जून के आखिर में आरक्षण कोटे के खिलाफ छात्रों का आंदोलन शुरू हुआ था। जुलाई के मध्य में यह आंदोलन हिंसक हो गया और सैकड़ों लोगों की जान चली गई। जुलाई के आखिर में बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने विवादित आरक्षण कोटे पर रोक लगा दी लेकिन आंदोलन जारी रहा। आरक्षण के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन अचानक शेख हसीना सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया। प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना से इस्तीफे की मांग शुरू कर दी। हिंसक आंदोलन के बीच आखिरकार शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
जब 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार को उखाड़ फेंका गया तो कई मीडिया रिपोर्ट्स में इसके पीछे अमेरिका का हाथ होने का संदेह जताया गया। खुद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाए थे। अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को अमेरिका की कठपुतली माना जाता है और शायद यही वजह है कि शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद से ही अमेरिका बांग्लादेश को लेकर काफी सक्रिय नजर आ रहा है। हाल ही में 15 सितंबर को अमेरिकी सरकार के एक उच्च प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेश का दौरा कर मोहम्मद यूनुस से मुलाकात भी की थी। खास बात यह है कि इस प्रतिनिधिमंडल में वह अधिकारी भी शामिल था जिस पर शेख हसीना सरकार के तख्तापलट में शामिल होने का आरोप है।
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