संबंधित खबरें
‘केंद्रीय अर्धसैनिक बल, CISF और पुलिस के जवान पैसे लेते हैं तो…’ रिश्वत लेने वालों पर CM Mamata ने ये क्या कह दिया?
चलती बस से कूदी लड़की, बस में फैली यौन शोषण की…महिला के मेडिकल से हुआ बड़ा खुलासा
UP के इन 5 जगहों में नहीं लगेगा कोई फोन कॉल, CM Yogi के इस फैसले से ‘खास समुदाय’ की हो गई खटिया खड़ी
यूपी में भेड़िया के बाद बाघ का आतंक! हमले में किसान को उतारा मौत के घाट
पहले फाड़े कपड़े, तोड़ दिए दांत और आंखे, फिर मार-मार कर किया अधमरा, महिला के साथ बदमाशों ने की सारे हदें पार
CM Yogi का बड़ा तोहफा, Vikrant Massey की The Sabarmati Report को किया टैक्स फ्री
India News (इंडिया न्यूज), Bajaj Staff Commits Suicide: उत्तर प्रदेश के झांसी में बजाज फाइनेंस के एरिया मैनेजर तरुण सक्सेना (42) ने अपने ऊपर कार्यस्थल पर अत्यधिक दबाव और वरिष्ठों की धमकियों से तंग आकर आत्महत्या कर ली। तरुण ने अपने सुसाइड नोट में स्पष्ट रूप से यह बताया कि वह पिछले कुछ महीनों से गहरे तनाव में थे, क्योंकि उन्हें लगातार अपने वरिष्ठों द्वारा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए दबाव डाला जा रहा था।
तरुण सक्सेना की जिम्मेदारी अपने क्षेत्र में बजाज फाइनेंस के ऋणों की ईएमआई संग्रह करने की थी। परंतु, विभिन्न चुनौतियों के चलते वह निर्धारित लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पा रहे थे। उनके वरिष्ठ उन्हें लगातार वेतन कटौती और नौकरी से निकाले जाने की धमकी दे रहे थे। सुसाइड नोट में तरुण ने लिखा कि उन्हें वरिष्ठ प्रबंधकों द्वारा बार-बार अपमानित किया जाता था और इस अपमान और मानसिक तनाव के कारण उन्होंने सोचने-समझने की क्षमता खो दी थी।
तरुण ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि वह पिछले 45 दिनों से ठीक से सो नहीं पाए थे और लगातार चिंता में थे कि कहीं वे अपनी नौकरी न खो दें। उनके सीनियर लगातार उन पर “किसी भी कीमत पर लक्ष्य पूरा करने” का दबाव बना रहे थे। एक अन्य चिंताजनक तथ्य यह था कि तरुण और उनके सहकर्मियों को उन EMI का भुगतान स्वयं करना पड़ रहा था, जो वे अपने क्षेत्र से संग्रह नहीं कर पाए थे। इस कठिन परिस्थिति के बावजूद उनके वरिष्ठों ने उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश नहीं की और उल्टा उन्हें काम न कर पाने के लिए दोषी ठहराया।
तरुण सक्सेना ने अपने सुसाइड नोट में अपनी पत्नी मेघा और बच्चों यथार्थ व पीहू से माफ़ी मांगी और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने परिवार से आग्रह किया कि वे दूसरी मंजिल का निर्माण करवाएं ताकि उनका परिवार आराम से रह सके। साथ ही, उन्होंने अपने रिश्तेदारों से भी अपने परिवार की देखभाल करने का अनुरोध किया। तरुण ने स्पष्ट रूप से अपने वरिष्ठों का नाम लिखते हुए कहा कि उनके निर्णय के लिए वे लोग जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करने की अपील की।
तरुण की आत्महत्या की घटना एक बेहद चिंताजनक मुद्दे को सामने लाती है—कार्यस्थल पर मानसिक तनाव और असंभव लक्ष्यों का दबाव। हाल ही में देश में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जो यह इंगित करती हैं कि कुछ कंपनियों में कार्य संस्कृति बेहद विषाक्त हो चुकी है। तरुण की घटना से कुछ समय पहले अर्न्स्ट एंड यंग इंडिया में कार्यरत 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट अन्ना सेबेस्टियन की आत्महत्या ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। अन्ना के पिता ने कंपनी के चेयरमैन को एक पत्र लिखकर यह अपील की थी कि इस विषाक्त कार्य संस्कृति में बदलाव किया जाए, जो कर्मचारियों को अत्यधिक काम करने और मानसिक तनाव में डालने के लिए प्रेरित करती है।
तरुण सक्सेना की आत्महत्या हमें इस ओर सोचने पर मजबूर करती है कि कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना कितना जरूरी है। असंभव लक्ष्यों, अपमान और धमकियों से कर्मचारियों पर पड़ने वाला मानसिक दबाव उनकी जिंदगी तक को दांव पर लगा सकता है। इस प्रकार की घटनाएं समाज और संगठनों के लिए चेतावनी हैं कि कार्यस्थल की संस्कृति में सुधार की आवश्यकता है ताकि कर्मचारियों का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्राथमिकता दी जा सके।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.