India News (इंडिया न्यूज), Maa Kushmanda Ki Aarti: नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित होता है। हिंदू धर्म में मां कूष्मांडा को ‘सृष्टि की आदिशक्ति’ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने अपनी दिव्य मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी, इसलिए उनका नाम ‘कूष्मांडा’ पड़ा, जिसका अर्थ है ‘कूष्म’ (कुम्हड़ा/कद्दू) और ‘अंडा’ (ब्रह्मांड)। इस दिन मां की पूजा-आराधना विशेष रूप से की जाती है, क्योंकि उनकी कृपा से सभी प्रकार के कष्टों का नाश होता है और घर में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
मां कूष्मांडा की आरती और पूजा की महत्ता
मां कूष्मांडा की आरती करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। इस दिन मां की पूजा के साथ विशेष रूप से आरती करना बहुत लाभकारी माना जाता है। आरती के समय थाल में कुछ विशेष वस्तुओं को रखने से घर में धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। यह वस्तुएं मां कूष्मांडा की प्रिय मानी जाती हैं और इन्हें उनकी आरती के दौरान थाल में रखने से मां की कृपा जल्दी प्राप्त होती है।
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आरती के थाल में रखें ये विशेष वस्तु
- कुम्हड़ा (कद्दू): मां कूष्मांडा का नाम स्वयं कुम्हड़े से जुड़ा है। पूजा के दौरान कुम्हड़ा (कद्दू) रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह ब्रह्मांड की प्रतीकात्मक वस्तु है और इसे आरती के थाल में रखने से धन, ऐश्वर्य, और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- सिंदूर: मां कूष्मांडा को सिंदूर का भोग अत्यधिक प्रिय है। पूजा के थाल में सिंदूर रखना विशेष फलदायी होता है। इससे विवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
- चांदी का सिक्का: चांदी मां लक्ष्मी की प्रतीक है, और इसे थाल में रखने से मां कूष्मांडा की कृपा से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और जीवन में स्थायी समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
- फूल (विशेषकर लाल या पीले फूल): मां को सुगंधित फूल बहुत प्रिय हैं। आरती के थाल में चमेली या गुलाब के फूल रखने से घर में खुशहाली का वातावरण बनता है।
- धूप और दीपक: धूप और दीपक पूजा का अनिवार्य अंग होते हैं। दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मकता का संचार होता है।
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आरती के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- जब आप मां कूष्मांडा की आरती कर रहे हों, तो मन और तन दोनों को शुद्ध रखें।
- आरती के दौरान श्रद्धा और भक्ति भाव से मां का ध्यान करें और समृद्धि, सुख और ऐश्वर्य के लिए प्रार्थना करें।
- कद्दू को पूजा के बाद किसी गरीब या ब्राह्मण को दान करें। इससे मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
मां कूष्मांडा की पूजा से होने वाले लाभ
मां कूष्मांडा की पूजा और आरती करने से भक्तों को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे कि:
- आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
- घर में सुख-शांति का वास होता है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है।
- सभी कष्टों का नाश होता है और जीवन में नए अवसरों का द्वार खुलता है।
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निष्कर्ष
आज शाम मां कूष्मांडा की आरती के समय पूजा के थाल में उपरोक्त वस्तुओं को जरूर शामिल करें। इससे मां कूष्मांडा की विशेष कृपा प्राप्त होगी और आपके घर में धन, सुख और समृद्धि का आगमन होगा। मां की आराधना पूरे भक्ति भाव से करें और उनके चरणों में समर्पित होकर जीवन में उन्नति और शांति का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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