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India News (इंडिया न्यूज), India Canada Relation: भारत और कनाडा के बीच रिश्ते में खटास आ गई है। लेकिन इस बीच एक खबर सामने आई है, जिससे इन दोनों देशों के रिश्ते में सुधार होता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल पूरा मामला ये है कि, भारत को लेकर कनाडा की तरफ से एक बड़ा बयान सामने आया है। पिछले साल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की तरफ से हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के आरोपों को लेकर दोनों देशों के बीच दरार पैदा हो गई थी। इस मामले के बाद कनाडा की तरफ से पहला बयान सामने आया है। इस बयान में कनाडा की तरफ से कहा गया है कि, भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर कनाडा का रुख स्पष्ट है। कनाडा ने क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की बात कही है।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, निज्जर एक कनाडाई नागरिक था। इसके अलावा ये भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादियों में से एक था। कनाडा के विदेश मामलों के डिप्टी मिनिस्टर डेविड मॉरिसन ने ओटावा में फॉरेन इंटरफेरेंस आयोग के समक्ष उपस्थित होते हुए कहा कि कनाडा की पॉलिसी एकदम क्लियर है। भारत की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए। भारत एक है और यह बहुत स्पष्ट कर दिया गया है। उन्होंने कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को बेकार बताया है। कनाडा में बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें हममें से अधिकतर लोग नहीं देखना चाहते हैं, लेकिन उन्हें भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है। ओटावा का ‘भारत एक है’ के बारे में घोषणा का उद्देश्य खालिस्तानियों के रुख पर कनाडा अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहता है। भारत-कनाडा संबंधों को बेहतर करने के संकेतों की तरह इस टिपण्णी को देखा जा रहा है।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। तब से कनाडा भारत से अपने रिश्ते को अच्छे करने की कोशिश कर रहा है। पिछले साल भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘बेतुका’ बताकर खारिज कर दिया था और कनाडा के खालिस्तान समर्थक सिखों का केंद्र बनने पर चिंता व्यक्त की थी। भारत की इस चिंता को कनाडा ने सिरे से ख़ारिज कर दिया था और इस पर बयान देते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने कहा था कि, कनाडा हमेशा ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विवेक और शांतिपूर्ण विरोध’ की रक्षा करेगा।
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