India News (इंडिया न्यूज), Bhadrakal On Karwa Chauth: करवा चौथ का व्रत भारतीय संस्कृति में दांपत्य जीवन की खुशी और पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। करवा चौथ के दिन सुहागन महिलाएं और शादीशुदा होने वाली युवतियां अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक अन्न और जल का त्याग करती हैं, और चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं।
करवा चौथ व्रत न केवल पति की लंबी आयु के लिए होता है, बल्कि यह एक ऐसा पर्व है जो प्रेम, समर्पण और रिश्तों की गहराई को व्यक्त करता है। इस व्रत में भगवान गणेश, करवा माता, और चंद्रमा की पूजा की जाती है। चंद्रमा को अर्घ्य देना इस व्रत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके बिना व्रत पूरा नहीं माना जाता। व्रत के दौरान महिलाएं सुहाग की निशानियों जैसे साड़ी, चूड़ियां, और सिंदूर धारण करती हैं और दिनभर पूजा-पाठ करती हैं।
इस साल करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024, रविवार को पड़ेगा। पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर की सुबह 06:46 बजे से प्रारंभ होकर 21 अक्टूबर को प्रात: 04:16 बजे समाप्त होगी। इसलिए 20 अक्टूबर को ही महिलाएं व्रत रखेंगी।
इस साल करवा चौथ के दिन भद्रा का साया भी रहेगा। हालाँकि, यह भद्रा केवल सुबह 06:25 बजे से 06:46 बजे तक 21 मिनट की अवधि के लिए ही रहेगी, जिसका वास स्थान स्वर्ग में होगा। इस दौरान पूजा से बचना चाहिए, लेकिन चूंकि भद्रा सुबह के समय समाप्त हो जाएगी, इसलिए दिन में पूजा करने में कोई बाधा नहीं होगी।
क्या है ब्रह्माजी और सरस्वती माता के विवाह का सच? क्यों मिला था ऐसा श्राप जो कलियुग तक रहा है चल!
करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 05:46 बजे से 07:02 बजे तक रहेगा। इस दौरान महिलाएं भगवान गणेश, करवा माता और चंद्रमा की विधिपूर्वक पूजा कर सकती हैं। यह समय पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना गया है, और इस दौरान व्रतधारी महिलाएं करवा चौथ कथा भी सुनती हैं।
करवा चौथ व्रत का समापन चंद्रमा को अर्घ्य देकर किया जाता है। इस साल चंद्रमा के उदय होने का समय शाम 07:54 बजे है। इसी समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाएगा, जिसके बाद व्रत का पारण किया जाएगा। इस समय, चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में होगा और वरीयान योग का संयोग बनेगा, जो इसे और भी शुभ बनाता है।
इस साल करवा चौथ का निर्जला व्रत लगभग 13 घंटे 29 मिनट का होगा। 20 अक्टूबर को सूर्योदय सुबह 06:25 बजे होगा, जिससे व्रत शुरू होगा और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन किया जाएगा।
व्रत के दौरान पूजा और शुभ कार्यों से पहले अशुभ समय का ध्यान रखना आवश्यक है। इस साल करवा चौथ पर अशुभ समय इस प्रकार है:
करवा चौथ का व्रत भारतीय महिलाओं के लिए केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि अपने पति के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। यह दिन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। महिलाएं इस दिन व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करती हैं, और चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.