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India News (इंडिया न्यूज),Delhi Budget Deficit: दिल्ली सरकार के 2024-25 के संशोधित बजट अनुमानों (आरई) में राजकोषीय घाटे का खुलासा होने के बाद शहर की कई महत्वपूर्ण विकास योजनाओं पर संकट मंडरा रहा है। सड़क मरम्मत, बिजली सब्सिडी, परिवहन, सिंचाई, मेट्रो और अदालत परिसर निर्माण जैसी प्रमुख परियोजनाओं के लिए धन की कमी होने की संभावना है। सरकार के अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न विभागों से बजट संबंधी आवश्यकताओं की जानकारी मांगी गई है, जिससे संकट और गहरा सकता है।हाल ही में मुख्यमंत्री आतिशी और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली की टूटी सड़कों की मरम्मत के लिए जो योजना घोषित की गई थी, उसके लिए भी पर्याप्त बजट की व्यवस्था नहीं हो सकी है। इसके चलते योजना के लागू होने पर संदेह जताया जा रहा है।
कानून: दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग के क्रियान्वयन के लिए जिला अदालतों को वेतन, पेंशन और भत्ते के लिए 141 करोड़ रुपये चाहिए।
2. बिजली : सब्सिडी के लिए 512 करोड़ रुपये की जरूरत।
3. परिवहन : ई-बसों के संचालन एवं वित्तपोषण के लिए 941 करोड़ रुपये चाहिए।
4. सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग : गाद निकालने, ड्रेजिंग, बाउंड्री, पुलों की बहाली, निर्माण अपशिष्ट को हटाने के लिए 447 करोड़ रुपये की जरूरत।
5. डीएमआरसी : कोविड वर्षों के परिचालन घाटे के लिए 200 करोड़ रुपये की जरूरत।
6. जेआइसीए से ऋण की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव के लिए 2000 करोड़ रुपये चाहिए।
7. जेआइसीए से पूंजीगत ऋण का पुनर्भुगतान करने के लिए 2871 करोड़ रुपये की जरूरत।
8. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग : यूनिवर्सिटी कालेज आफ मेडिकल साइंसेज के अधिग्रहण के लिए 250 करोड़ रुपये चाहिए।
9. छह अस्पतालों के संचालन के लिए बड़ी राशि की जरूरत।
10. कड़कड़डूमा में नए न्यायालय परिसरों के निर्माण के लिए 555 करोड़ रुपये चाहिए।
11. हाइकोर्ट एवं विभिन्न जिला अदालतों में नवीनीकरण, परिवर्तन एवं परिवर्धन हेतु 285 करोड़ रुपये की जरूरत।
12. बस डिपो और टर्मिनलों का निर्माण करने के लिए 4,666 करोड़ रुपये की जरूरत।
13. नए निर्माण और मौजूदा अस्पतालों की रिमाडलिंग के लिए 1681 करोड़ रुपये चाहिए।
14. पीडब्ल्यूडी के कार्यों को गति देने के लिए 213 करोड़ रुपये की जरूरत।
15. नजफगढ़ नाले से गाद निकालने और अन्य के लिए 340 करोड़ रुपये की जरूरत।
16. जेल और एफएसएल में बुनियादी ढांचे के विकास और हार्डवेयर, मशीनरी आदि के लिए 115 करोड़ रुपये चाहिए।
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दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी सरकार पर तीखा हमला किया है। उनका कहना है कि पिछले 10 वर्षों से सरकार झूठे दावे कर रही है, जिसमें सरप्लस बजट का दावा भी शामिल है। सचदेवा ने आरोप लगाया कि बिना आर्थिक संसाधन जुटाए ही सरकार ने कई जनहितकारी योजनाओं की घोषणा कर दी, जिसका नतीजा अब सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1994-95 में मदनलाल खुराना की सरकार ने दिल्ली को पहला सरप्लस बजट दिया था, जिसके बाद से सभी सरकारें इसे बनाए रखने में सफल रहीं। लेकिन इस बार 2024-25 के बजट में घाटा हो गया है। सचदेवा ने आगे कहा कि वर्तमान बजट में घोषित योजनाओं के लिए सरकार के पास पर्याप्त धन नहीं है, यहां तक कि दिसंबर में सरकार को अपने कर्मचारियों का वेतन देने में भी मुश्किल हो सकती है। सरकार को बिजली सब्सिडी, मेट्रो, परिवहन, सिंचाई और निर्माणाधीन अस्पतालों जैसी योजनाओं के लिए अतिरिक्त सात हजार करोड़ रुपये की जरूरत है।
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