होम / इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाती है लड़कियां अगर लम्बे समय तक रहीं कुंवारी, तिल-तिल करके शरीर को को चुकानी पड़ती है कीमत?

इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाती है लड़कियां अगर लम्बे समय तक रहीं कुंवारी, तिल-तिल करके शरीर को को चुकानी पड़ती है कीमत?

Prachi Jain • LAST UPDATED : October 13, 2024, 12:47 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाती है लड़कियां अगर लम्बे समय तक रहीं कुंवारी, तिल-तिल करके शरीर को को चुकानी पड़ती है कीमत?

Virgin Girls: 28 साल से अधिक उम्र की कुंवारी लड़कियों में डिमेंशिया की घटनाओं को सीधे तौर पर शादी से जोड़ना एक सरलीकृत और अतिरेकपूर्ण दावा है। जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य, और समाज के साथ गहरे रिश्ते अधिक महत्वपूर्ण होते हैं।

India News (इंडिया न्यूज), Virgin Girls: यह अध्ययन और उसका निष्कर्ष एक चिंताजनक और भ्रामक दावे के रूप में सामने आता है। कुंवारी लड़कियों में 28 साल की उम्र के बाद डिमेंशिया (मनोभ्रंश) जैसी गंभीर बीमारी का बढ़ना ऐसा विषय है, जिसके संबंध में वैज्ञानिक प्रमाणों की गहनता से जांच की आवश्यकता होती है। इस लेख में प्रस्तुत दावा कि 28 वर्ष से अधिक उम्र की कुंवारी लड़कियों में डिमेंशिया की घटनाएं बढ़ रही हैं, और जो लड़कियां अपने पति को खो देती हैं या लंबे समय तक अकेली रहती हैं, उन्हें यह बीमारी होने की संभावना अधिक होती है, इस पर हमें समझदारी से विचार करना चाहिए।

अध्ययन के परिणाम और वैधता

1. वैज्ञानिक संदर्भ और प्रमाण:

यह दावा कि 28 साल की उम्र के बाद अविवाहित महिलाओं में डिमेंशिया का खतरा बढ़ता है, जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी एंड साइकियाट्री के अध्ययन का हवाला देता है, लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि यह अध्ययन किसी बड़े और विविध समूह पर किया गया हो और उसके परिणाम व्यापक रूप से स्वीकृत हों। किसी भी अध्ययन को निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले कई पहलुओं पर विचार करना होता है, जिसमें आनुवांशिक, मानसिक और सामाजिक कारक शामिल होते हैं।

इस उम्र में चरम सीमा पर होती है महिलाओं की खूबसूरती, फर्जी नहीं साइंस में सबूत

2. मनोभ्रंश और विवाह के बीच संबंध:

विवाह और मनोभ्रंश के बीच गहरे संबंध का दावा भी संदिग्ध है। हालांकि यह सच है कि शादीशुदा जीवन में भावनात्मक और मानसिक समर्थन अक्सर बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, लेकिन इसे बीमारी से बचने का एकमात्र तरीका नहीं कहा जा सकता। अविवाहित महिलाओं को भी सामाजिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के कई तरीके हो सकते हैं, जैसे मजबूत पारिवारिक और सामाजिक संबंध, नियमित व्यायाम, मानसिक सक्रियता, और संतुलित आहार।

3. 28 साल की उम्र का निर्धारण:

यह कहना कि 28 साल की उम्र के बाद शादी न करने पर डिमेंशिया का खतरा बढ़ता है, एक अधूरा और सरलीकृत दृष्टिकोण है। उम्र, शादी, और मानसिक स्वास्थ्य का संबंध जटिल होता है, और यह सभी व्यक्तियों पर समान रूप से लागू नहीं होता।

गले का फंदा बना ज्यादा देर ब्रा पहनना…शरीर को अंदर से खा जाए पैदा होती है ऐसी बीमारी, आखिर इस बात में कितना है दम?

मनोभ्रंश से बचाव के उपाय

मनोभ्रंश से बचने के लिए शादी से अधिक महत्वपूर्ण जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने वाले अन्य कारक होते हैं, जैसे:

  • संतुलित आहार और व्यायाम: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक आहार और नियमित व्यायाम बेहद जरूरी हैं।
  • मानसिक सक्रियता: पहेलियाँ सुलझाना, पढ़ाई करना, सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना, और नई चीज़ें सीखना मस्तिष्क को सक्रिय बनाए रखता है।
  • सामाजिक संपर्क: चाहे व्यक्ति अविवाहित हो या विवाहित, सामाजिक संपर्क और समर्थन मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।

इंडोनेशिया में तेजी से बढ़ रहा ‘प्लेजर मैरिज’ का ट्रेंड, ट्रेवलर्स से शादी रचा रही है यहां की लोकल महिलाएं?

निष्कर्ष

28 साल से अधिक उम्र की कुंवारी लड़कियों में डिमेंशिया की घटनाओं को सीधे तौर पर शादी से जोड़ना एक सरलीकृत और अतिरेकपूर्ण दावा है। जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य, और समाज के साथ गहरे रिश्ते अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। शादी या अविवाहित रहने के बावजूद, अपने मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए ऊपर बताए गए सभी उपायों का पालन करना आवश्यक है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

इस मुस्लिम शासक ने मस्जिदों को शिक्षा का केंद्र…संस्कृत ग्रंथों का फारसी में करवाया अनुवाद, फिर भी हिंदुओं से करता था नफरत, मां थीं हिंदू सुनार
इस मुस्लिम शासक ने मस्जिदों को शिक्षा का केंद्र…संस्कृत ग्रंथों का फारसी में करवाया अनुवाद, फिर भी हिंदुओं से करता था नफरत, मां थीं हिंदू सुनार
MP में बढ़ी ठिठुरन, भोपाल में 10.2 डिग्री तक लुढ़का पारा, शहरों में छाया घना कोहरा
MP में बढ़ी ठिठुरन, भोपाल में 10.2 डिग्री तक लुढ़का पारा, शहरों में छाया घना कोहरा
Bihar Hooch tragedy : बेगूसराय में जहरीली शराब का कहर, दो लोगों की मौत; 2 अन्य बीमार
Bihar Hooch tragedy : बेगूसराय में जहरीली शराब का कहर, दो लोगों की मौत; 2 अन्य बीमार
कांग्रेस नेता ने लगाए मंत्री पर जान से मारने का आरोप, कोर्ट में रोते हुए रखी अपनी बात
कांग्रेस नेता ने लगाए मंत्री पर जान से मारने का आरोप, कोर्ट में रोते हुए रखी अपनी बात
दिल्ली हाईकोर्ट से मिली ओवैसी को बड़ी राहत, फ़ैसले ने AIMIM को दिया सुकून
दिल्ली हाईकोर्ट से मिली ओवैसी को बड़ी राहत, फ़ैसले ने AIMIM को दिया सुकून
अंतिम संस्कार कर घर गया परिजन, जब सुबह अस्थियां लेने गया तो हुआ कुछ ऐसा…बुलानी पड़ गई पुलिस
अंतिम संस्कार कर घर गया परिजन, जब सुबह अस्थियां लेने गया तो हुआ कुछ ऐसा…बुलानी पड़ गई पुलिस
Raebareli Crime News: बिस्किट देने के बहाने मासूम को बुलाया… खून से सनी घर पहुंची; दर्द सुन कांप उठे घरवाले
Raebareli Crime News: बिस्किट देने के बहाने मासूम को बुलाया… खून से सनी घर पहुंची; दर्द सुन कांप उठे घरवाले
‘ICBM मिसाइल हमले पर चुप रहना’, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रूसी प्रवक्ता को किसने फोन पर कही ये बात? माइक ऑन रहने पर पूरी दुनिया के सामने खुल गई पुतिन की पोल
‘ICBM मिसाइल हमले पर चुप रहना’, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रूसी प्रवक्ता को किसने फोन पर कही ये बात? माइक ऑन रहने पर पूरी दुनिया के सामने खुल गई पुतिन की पोल
पहले बना दोस्त का राजदार.. उसके बाद पहना दी लाखों की टोपी, जांच में जुटी पुलिस
पहले बना दोस्त का राजदार.. उसके बाद पहना दी लाखों की टोपी, जांच में जुटी पुलिस
Badrinath Highway: हिल कटिंग के दौरान हादसा, पांडुकेश्वर गांव में घुसा बोल्डर, मची अफरातफरी
Badrinath Highway: हिल कटिंग के दौरान हादसा, पांडुकेश्वर गांव में घुसा बोल्डर, मची अफरातफरी
आखिरकार Amitabh Bachchan ने अपने परिवार के लिए उठाया ये कदम, पोस्ट शेयर कर बोले- ‘शायद ही कभी बात करता हूं लेकिन…’
आखिरकार Amitabh Bachchan ने अपने परिवार के लिए उठाया ये कदम, पोस्ट शेयर कर बोले- ‘शायद ही कभी बात करता हूं लेकिन…’
ADVERTISEMENT