India News (इंडिया न्यूज), China Taiwan Conflict: चीन अपने पड़ोसियों को चैन से नहीं जीने देना चाहता है। वहीं चीन और ताइवान के बीच तनाव कोई नई बात नहीं है, लेकिन हाल के दिनों में यह तनाव फिर से बढ़ गया है। चीन ने ताइवान के पास सैन्य अभ्यास शुरू किया है, जिसमें युद्धपोत और लड़ाकू विमान शामिल हैं। इस अभ्यास का नाम “ज्वाइंट स्वॉर्ड-2024बी” है। जिसका उद्देश्य ताइवान पर दबाव बनाना और अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करना है। हालांकि चीन इसे अपनी संयुक्त परिचालन क्षमताओं का परीक्षण बता रहा है, लेकिन असल में इसे ताइवान को डराने और उसके स्वतंत्रता समर्थक विचारों को दबाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
ताइवान के राष्ट्रपति विलियम लाइ चिंग ते के हालिया भाषण के बाद चीन की नाराजगी बढ़ गई। दरअसल, जब राष्ट्रपति लाइ ने साफ तौर पर कहा कि ताइवान और चीन अलग-अलग हैं। चीन को ताइवान का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है। यह बयान चीन के लिए एक चुनौती की तरह था, जो ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। जवाब में चीन ने तुरंत अपनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को सक्रिय कर दिया और ताइवान के चारों ओर नाकेबंदी जैसा माहौल बना दिया।
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बता दें कि, चीन द्वारा आयोजित ज्वाइंट स्वोर्ड-2024बी सैन्य अभ्यास में ताइवान के आसपास 25 लड़ाकू विमान, 7 नौसैनिक जहाज और चार अन्य जहाज देखे गए हैं। इनमें से कुछ विमान ताइवान की मध्य रेखा को पार करके ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में घुस गए। चीन द्वारा किया गया यह सैन्य प्रदर्शन ताइवान को डराने का एक और प्रयास है, क्योंकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानता है और चीन के किसी भी दावे को खारिज करता है। दरअसल, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों द्वारा ताइवान के समर्थन के कारण चीन और अधिक आक्रामक हो गया है। यह ताइवान के प्रति चीन की आक्रामक नीति का एक और उदाहरण है। इसकी वजह से क्षेत्र में स्थिरता और शांति को खतरा है।
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