संबंधित खबरें
शिव की नगरी काशी से कभी नहीं लानी चाहिए ये 2 चीजें घर, पाप नहीं महापाप बन जाएगी आपकी ये भूल?
पूरे 9 साल के बाद इन 5 राशियों पर शांत हुआ मां काली का गुस्सा, अब जिंदगी में दिखेंगे दो बड़े बदलाव
शुक्र-शनि मिलकर बना रहे ऐसा भयंकर योग, 3 राशी वाले बनेंगे राजा, जानें क्या-क्या बदल जाएगा
इस विशेष समय में बेहद प्रबल रहता है राहु…बस इस प्रकार करनी होती है पूजा और भर देता है धन-धान्य से तिजोरी
महाभारत युद्ध के बाद तबाह होने वाला था भारत, नहीं बचता एक भी आदमी, जानें 18 दिनों तक ऐसा क्या हुआ?
महाभारत में दुर्योधन के कुकर्मों के बाद भी क्यों मिला स्वर्ग, और पांडवों को अपनी अच्छाई के बाद भी इस एक गलती के कारण झेलना पड़ा था स्वर्ग!
India News (इंडिया न्यूज), Shiva’s Powerfull Astra: भगवान शिव को सम्पूर्ण ब्रह्मांड का रचयिता और विनाशक माना जाता है। उनकी शक्ति इतनी प्रबल है कि उन्हें किसी अस्त्र-शस्त्र की आवश्यकता नहीं होती। उनके तीसरे नेत्र की महिमा ही इतनी है कि उसके खुलते ही संसार में विनाश हो सकता है। फिर भी, भगवान शिव के पास कुछ प्रमुख अस्त्र-शस्त्र रहे हैं, जिनमें त्रिशूल सबसे विख्यात है। त्रिशूल के अतिरिक्त भी शिव के पास ऐसे कई दिव्य अस्त्र थे जिनकी अद्वितीय शक्ति की कहानियां हमें प्राचीन ग्रंथों और पुराणों में मिलती हैं। आइए, इन अस्त्र-शस्त्रों के बारे में विस्तार से जानें।
शिव का पिनाक धनुष उनकी दिव्य शक्ति का प्रतीक था। यह धनुष इतना शक्तिशाली था कि इसकी टंकार से ही बादल फटने लगते थे और पर्वत कांप उठते थे, मानो भूकंप आ गया हो। त्रिपुरासुर के वध के समय इसी धनुष का प्रयोग करके शिव ने तीनों नगरियों का नाश किया था। पिनाक की शक्ति ऐसी थी कि उसे उठाना किसी सामान्य व्यक्ति के लिए असंभव था। बाद में यह धनुष राजा जनक के पूर्वज देवरात को प्रदान कर दिया गया, और उनके वंश में इसे सुरक्षित रखा गया।
त्रेता युग में भगवान राम ने इसी शिव धनुष को उठाकर उसकी प्रत्यंचा चढ़ाई और इसे एक झटके में तोड़ दिया था। यह वही धनुष है जो रामायण की कथा में सीता स्वयंवर के दौरान भगवान राम द्वारा तोड़ा गया, जिससे यह साबित हुआ कि वे अद्वितीय योद्धा हैं।
भगवान शिव के पास एक और शक्तिशाली धनुष था, जो कंस के राजगुरु के पास था। इस धनुष को भगवान शिव ने पहले नंदी को, नंदी ने परशुराम को और परशुराम ने कंस के पूर्वजों को दिया था। यह धनुष मथुरा के राजकुल में पीढ़ियों से रखा गया था। श्रीकृष्ण ने जब कंस के रंगशाला में प्रवेश किया, तब उन्होंने इस धनुष को तोड़ा और बाद में कंस का वध किया। यह घटना महाभारत काल की एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। इस प्रकार शिव के दोनों धनुष अपने-अपने युगों में विशेष भूमिका निभाते रहे।
चक्र देवी-देवताओं के लिए सबसे अचूक और प्रभावी अस्त्र माना जाता था। जहां भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र प्रसिद्ध है, वहीं भगवान शिव का चक्र ‘भवरेंदु’ के नाम से जाना जाता था। बहुत कम लोग जानते हैं कि सुदर्शन चक्र का निर्माण स्वयं भगवान शिव ने किया था। प्राचीन शास्त्रों के अनुसार, शिव ने इस चक्र का निर्माण किया और बाद में इसे भगवान विष्णु को सौंप दिया। इसके बाद विष्णु ने इसे देवी पार्वती को प्रदान किया, जिन्होंने इसे परशुराम को दिया, और अंततः यह भगवान कृष्ण के पास पहुंचा।
ऐसे लोगों का कलियुग में भी लग जाता है श्राप, अगर आपके पास भी रहते है ऐसे लोग तो जरा बचकर ही रहे आप?
पाशुपतास्त्र शिव का एक और दिव्य अस्त्र था, जिसे देवताओं और असुरों के बीच युद्धों के दौरान प्रयुक्त किया जाता था। यह अस्त्र इतना प्रचंड था कि इसका प्रयोग केवल अत्यधिक संकट के समय ही किया जाता था। इसके अलावा, शिव का फरसा भी एक विशेष अस्त्र था, जिसे महाकाव्यों और पुराणों में महत्वपूर्ण माना गया है।
त्रिशूल भगवान शिव का सबसे प्रमुख और अचूक अस्त्र है। यह त्रिशूल तीन प्रकार के कष्टों—दैहिक, दैविक, और भौतिक—के विनाश का प्रतीक है। त्रिशूल में तीन प्रकार की शक्तियाँ हैं—सत, रज, और तम। यह त्रिशूल केवल एक अस्त्र नहीं, बल्कि ब्रह्मांडीय संतुलन का प्रतीक है। त्रिशूल के इन तीन पहलुओं को प्रोटॉन, न्यूट्रॉन, और इलेक्ट्रॉन के रूप में भी देखा जा सकता है। भगवान शिव ने अपने अन्य अस्त्र-शस्त्र देवताओं को सौंप दिए थे, लेकिन त्रिशूल उनके पास ही रहा।
भगवान शिव के पास कई दिव्य अस्त्र-शस्त्र थे, जो उनकी अद्वितीय शक्ति और ब्रह्मांडीय संतुलन के प्रतीक थे। चाहे वह त्रिशूल हो, पिनाक धनुष, भवरेंदु चक्र, या पाशुपतास्त्र, सभी अस्त्र-शस्त्रों की अपनी अलग महिमा और महत्व है। यह दर्शाता है कि शिव केवल संहारक नहीं, बल्कि ब्रह्मांडीय शक्ति के संरक्षक भी हैं, जो संतुलन और न्याय के प्रतीक हैं।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.