संबंधित खबरें
आखिर क्या है वजह जो गर्भवती महिलाओं को नहीं काटते सांप, देखते ही क्यों पलट लेते हैं रास्ता? ब्रह्मवैवर्त पुराण में छुपे हैं इसके गहरे राज!
क्या आपके घर का मेन गेट भी है गलत दिशा में? तो हो जाएं सतर्क वरना पड़ सकता है आपकी जिंदगी पर बूरा असर!
अगर श्री कृष्ण चाहते तो चुटकियों में रोक सकते थे महाभारत का युद्ध, क्यों नही उठाए अपने अस्त्र? इस वजह से बने थे पार्थ के सारथी!
आखिर क्या वजह आन पड़ी कि भगवान शिव को लेना पड़ा भैरव अवतार, इन कथाओं में छुपा है ये बड़ा रहस्य, काशी में आज भी मौजूद है सबूत!
इन 3 राशि के जातकों के लिए खास है आज का दिन, गजकेसरी योग से होगा इतना धन लाभ की संभाल नही पाएंगे आप! जानें आज का राशिफल
एक तवायफ के लिए जब इन 2 कट्टर पंडितों ने बदल दिया था अपना धर्म…आशिक बन कबूला था इस्लाम, जानें नाम?
India News (इंडिया न्यूज), Chhath Pooja 2024: छठ पूजा एक प्राचीन और पवित्र पर्व है, जो विशेष रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, और नेपाल के कुछ हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया की आराधना के लिए प्रसिद्ध है। छठ पूजा की सबसे खास बात यह है कि इसे नदियों, तालाबों और जलाशयों के किनारे किया जाता है। इस परंपरा के पीछे कई धार्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक कारण जुड़े हुए हैं। आइए इन रहस्यों पर विस्तार से चर्चा करें:
छठ पूजा सूर्य उपासना का पर्व है, और सूर्य को जल के माध्यम से अर्घ्य देना इस पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जल को ब्रह्मांड का आधार माना गया है और सूर्य देव को जीवन का स्रोत। जब पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, तो जल की सतह पर सूर्य की किरणें परावर्तित होती हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। यह प्रक्रिया आध्यात्मिक शांति और शुद्धि का प्रतीक है।
नदी या जलाशय के किनारे पूजा करने का एक बड़ा कारण यह है कि जल एक शुद्ध और शुद्धिकारी तत्व माना जाता है। यह शरीर और आत्मा को पवित्र करता है। छठ पर्व के दौरान उपासक नदियों के किनारे अपने शरीर को शुद्ध करते हैं, जिससे उनके मन और आत्मा में शांति और संतुलन स्थापित होता है। इसके अलावा, नदियों के किनारे पूजा करने से लोगों का प्राकृतिक स्रोतों से जुड़ाव बना रहता है और जल संरक्षण का संदेश भी प्रसारित होता है।
प्रकृति के निकट, विशेष रूप से जल स्रोतों के पास, सूर्य की किरणें अधिक शक्तिशाली होती हैं। जल के समीप सूर्य को अर्घ्य देने से जल और सूर्य की ऊर्जा एकत्रित होती है, जिससे वातावरण में सकारात्मकता बढ़ती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, सूरज की किरणों में मौजूद अल्ट्रावायलेट किरणें स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती हैं। इससे शरीर को विटामिन डी मिलता है, जो हड्डियों और प्रतिरक्षा तंत्र के लिए फायदेमंद है।
क्या बेटी के घर का पानी पीने से लग जाता है पाप? लड़की के मायके वाले जान ले सनातन धर्म का ये सच!
छठ पर्व में उपवास और कठिन तपस्या का पालन किया जाता है, जिसमें मन और शरीर की शुद्धि पर जोर दिया जाता है। जल के समीप पूजा करने से मन शांत रहता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। यह आत्म-समर्पण और आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है। जल के सामने खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देना आत्मा को शुद्ध करने और ईश्वर के प्रति समर्पण का सबसे बड़ा संकेत है।
छठ पर्व से जुड़ी धार्मिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम और माता सीता ने लंका विजय के बाद अयोध्या लौटकर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सरयू नदी के किनारे छठ व्रत किया था। इसके साथ ही, महाभारत में भी कुंती पुत्र कर्ण के बारे में कहा गया है कि वे सूर्य उपासक थे और प्रतिदिन जल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते थे। इन धार्मिक कथाओं से भी नदी किनारे पूजा करने की परंपरा जुड़ी हुई है।
नदी या तालाब के किनारे पूजा करने से न केवल धार्मिक लाभ होते हैं, बल्कि यह शरीर और मन के लिए भी स्वास्थ्यप्रद है। शुद्ध जल में स्नान करने से त्वचा, रक्त प्रवाह और शारीरिक शुद्धि होती है। इसके साथ ही, सूर्य की ऊर्जा और जल की शुद्धि से तनाव, अवसाद और मानसिक थकावट को दूर करने में मदद मिलती है।
नदियों और जलाशयों के किनारे छठ पूजा सामूहिक रूप से की जाती है, जिसमें पूरा समाज एक साथ आता है। इस पूजा के दौरान लोग अपने मतभेद भूलकर एकता और भाईचारे का संदेश फैलाते हैं। यह समाज में सामाजिक समरसता और सामूहिकता का प्रतीक है।
नदी के किनारे छठ पूजा करने की परंपरा सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और सामाजिक कारणों से भी जुड़ी हुई है। यह न केवल सूर्य और जल की पवित्रता को दर्शाता है, बल्कि मानव जीवन और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करने का भी संदेश देता है। छठ पूजा में जलाशयों के किनारे पूजा करना पर्यावरण के प्रति आदर और समर्पण का प्रतीक है, जो आज के समय में विशेष रूप से प्रासंगिक है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.