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India News(इंडिया न्यूज), Iran Israel Conflict: ईरान ने एक अक्टूबर को इजरायल पर हमला कर दिया था। इस हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को हमला करने की चेतावनी दी थी। ईरान के इस हमले के जवाब रूस ने (26 अक्टूबर, 2024) को ईरान पर हमला कर दिया। इस हमले पर रूस की प्रतिक्रिया सामने आई है। दरअसल रूस ने सभी संबंधित पक्षों से कहा कि स्थिति नियंत्रण से बाहर होने से पहले हमें इस स्थिति से निपटना चाहिए।
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हम इसराइल और ईरान के बीच चल रहे विस्फोटक युद्ध से बेहद चिंतित हैं, जो इस क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा के लिए वास्तविक खतरा पैदा करता है। हम दोनों देशों के टकराव को काम करने के लिए काम करने के लिए तैयार हैं। आगे उन्होंने कहा कि, इजरायल ईरान को जवाब देने के लिए उकसाना बंद कर दे और अनियंत्रित तनाव के चक्र से बाहर निकलने का प्रयास करना चाहिए।
रूस का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दिन में पहले इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने घोषणा की थी कि उन्होंने ईरान में कई सैन्य ठिकानों पर सफलतापूर्वक ‘सटीक हमले’ किए हैं, जो इजरायल के लिए तत्काल खतरा पैदा कर रहे थे। इजराइली सेना ने ये हमले ईरान द्वारा 1 अक्टूबर को उस पर किए गए मिसाइल हमलों के जवाब में किए। जखारोवा ने कहा कि इजराइली वायुसेना ने अमेरिका के साथ मिलकर ईरानी प्रांतों तेहरान, इलाम और खुज़स्तान में कई सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए। रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, मध्य पूर्व में जो कुछ हो रहा है, वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और महासभा द्वारा लिए गए निर्णयों का परिणाम है, जिसके कारण फिलिस्तीन और इजरायल के बीच संघर्ष आज भी जारी है।
मास्को ने इस बात पर भी जोर दिया कि वह लेबनान में बढ़ती हिंसा को लेकर बहुत चिंतित है। जखारोवा ने कहा, ‘बेरूत और अन्य लेबनानी शहरों के घनी आबादी वाले आवासीय क्षेत्रों पर इजराइली सशस्त्र बलों द्वारा बड़े पैमाने पर अंधाधुंध हमलों के परिणामस्वरूप नागरिकों के हताहत होने की कई रिपोर्टें मिली हैं। मारे गए और घायल हुए नागरिकों में बड़ी संख्या में पत्रकार और मीडियाकर्मी शामिल हैं।’ उन्होंने कहा कि उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 25 अक्टूबर की रात को इजरायली वायुसेना ने दक्षिणी लेबनान के हसबया शहर के रिहायशी इलाके में हवाई हमला किया था। इस हमले में अल-मायादीन टीवी चैनल के दो कर्मचारी और अल-मनार टीवी चैनल के एक कैमरामैन की मौत हो गई। हमले के दौरान अन्य मीडिया प्रतिनिधि भी घायल हुए।
जखारोवा ने कहा, ‘यह बिल्कुल स्पष्ट है कि अल-मायादीन टीवी चैनल और उसके कर्मचारियों पर जानबूझकर हमला किया गया। रूसी विदेश मंत्रालय ने विस्तार से बताया कि गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू होने के बाद से अब तक करीब 140 मीडिया कर्मी ड्यूटी के दौरान मारे गए हैं।
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