संबंधित खबरें
मुस्लिम बहुल इलाकों में मिली हार के बाद तिलमिला उठे सपाई, कह दी ऐसी बात सुनकर सकते में आ जाएंगे आप
महाराष्ट्र्र चुनाव में मौलानाओं के फतवे का बीजेपी पर नहीं पड़ा कुछ असर, अब PM Modi देंगे ऐसी सजा 7 पुश्तें भी रखेंगी याद
‘एक हैं तो नेक हैं…’, PM Modi की ये बात सुनकर खुशी से झूम उठे सीएम योगी, जानिए क्या है इसके मायने?
‘कांग्रेस ने दिल्ली के आसपास की जमीन छीनकर वक्फ बोर्ड…’, ये क्या बोल गए PM Modi? सुनकर तिलमिला उठे राहुल-प्रियंका
‘हमने लोकतंत्र की परीक्षा…’, झारखंड चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद ये क्या बोल गए हेमंत सोरेन? PM Modi को नहीं आएगा रास
हेमंत सोरेन से अलग क्या है कल्पना की पहचान? राजनीति में आने से पहले चलाती थीं प्ले स्कूल, JMM की जीत में रही बड़ी भूमिका
India News (इंडिया न्यूज), Diwali 2024: दिवाली रोशनी का त्यौहार माना जाता है। इसमें लोग दीये जलाते हैं, अपने घरों को सजाते हैं, प्रार्थना करते हैं और पटाखे भी फोड़ते हैं। राजस्थान के बीकानेर में खुशियों के इस त्यौहार की रौनक ही अलग होती है। यहाँ दिवाली के मौके पर उर्दू रामायण का पाठ किया जाता है। मुस्लिम कवि शुद्ध उर्दू में भगवान राम के गुणों का वर्णन करते हैं। यह परंपरा 1935 में एक मुस्लिम प्रोफेसर की कलम से शुरू हुई थी। उनका नाम था मौलवी बादशाह शाह हुसैन राणा लखनवी। राणा लखनवी उस समय बीकानेर में रहा करते थे। उन्होंने उर्दू में जो राम की कहानी सुनाई वह लोगों में इतनी लोकप्रिय हुई कि आज भी उसे सुना और सुनाया जाता है।
करीब 89 साल पहले बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने गोस्वामी तुलसीदास की जयंती पर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता आयोजित की थी। प्रतिभागियों को उर्दू में रामायण सुनानी थी। राणा लखनवी ने न सिर्फ उस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया बल्कि स्वर्ण पदक भी जीता। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक तत्कालीन महाराजा गंगा सिंह ने राणा लखनवी की उर्दू रामायण सुनने के लिए नागरी भंडार में एक समारोह आयोजित किया था। उसी समारोह में उर्दू साहित्यकार सर तेज बहादुर सप्रू ने उन्हें बीएचयू की तरफ से स्वर्ण पदक दिया था।
बीकानेर में हर साल उर्दू रामायण का आयोजन करने वाले डॉ. जिया-उल-हसन कादरी के अनुसार राणा लखनवी की उर्दू रामायण ही उर्दू में उपलब्ध महाकाव्य का एकमात्र पूर्ण संस्करण है। इसकी खूबसूरती उन दोहों में है जो रावण के खिलाफ युद्ध सहित रामायण के दृश्यों का खूबसूरती से वर्णन करते हैं। इस साल दिवाली से कुछ दिन पहले आयोजित कविता पाठ में कादरी ने राणा लखनवी के अनुवाद से कुछ दोहे सुनाए, जिसने श्रोताओं का दिल जीत लिया। राजस्थान भाजपा नेता डॉ. सुरेंद्र सिंह के घर पर कई उर्दू कवि जुटे थे। उर्दू रामायण में एक दोहा है: ‘कुछ ही दिनों में युद्ध का सामान तैयार हो गया, रेगिस्तान खून से रंग गया/ कुछ ये लोग घायल हुए, कुछ वो लोग भी घायल हुए, रावण वध के सारे निशान दिखने लगे।’
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.