India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh Unrest: अगस्त में बांग्लादेश में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों में बांग्लादेशी हिंदुओं समेत करीब 600 लोग मारे गए थे। भारत शुरू से ही बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाता रहा है। अब संयुक्त राष्ट्र ने भी हिंसा में मारे गए अल्पसंख्यकों की जांच और सुरक्षा की गुहार लगाई है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पतन से पहले और बाद में हुई हिंसक झड़पों के दौरान हुई सभी हत्याओं और अन्य अधिकारों के उल्लंघन की गहन जांच का आह्वान किया।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने जांच की मांग की, एक समावेशी दृष्टिकोण का आह्वान किया जहां वर्ग, लिंग, जाति, राजनीतिक विचारधारा, पहचान या धर्म से परे हर आवाज सुनी जाए।
#Bangladesh: After any period of repression & violence, there needs to be a national process of truth & healing. Inequality, cycles of revenge & and gross human rights violations must be consigned to the past.
An inclusive approach, where every voice is heard irrespective of… pic.twitter.com/XrU22zgoMi
— UN Human Rights (@UNHumanRights) October 30, 2024
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने बुधवार को बांग्लादेश का अपना दो दिवसीय दौरा पूरा किया। उनका यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार देश में व्यवस्था स्थापित करने की चुनौतियों का सामना कर रही है।
यूनुस सरकार द्वारा हिंसा में हुई हत्याओं की जांच के लिए औपचारिक अनुरोध किए जाने से पहले ही संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश में एक तथ्य-खोजी दल भेजा है। इसमें शेख हसीना शासन के दौरान प्रदर्शनकारियों की हत्याओं के साथ-साथ उनके पतन के बाद हुई हिंसा की जांच शामिल है।
हसीना सरकार के आने के बाद से ही बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं, जिसके खिलाफ भारत समेत कई मानवाधिकार समूहों ने आवाज उठाई है। अपने खिलाफ हिंसा और सुरक्षा की मांग को लेकर हजारों हिंदू बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
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