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India News (इंडिया न्यूज), Diwali Puja Sugarcane and Water Chestnut: दिवाली का त्योहार बहुत ही शुभ माना जाता है। हर साल यह त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार दिवाली का त्योहार आज यानी 31 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर धन की देवी मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। इसके साथ ही खास चीजें भी चढ़ाई जाती हैं। इनमें गन्ना और सिंघाड़ा शामिल है। मान्यता है कि अगर इन चीजों को शामिल न किया जाए तो पूजा अधूरी रह जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी को गन्ना और सिंघाड़ा क्यों चढ़ाया जाता है?
आपको बता दें कि सनातन धर्म में गन्ने को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि गन्ना देवी लक्ष्मी को बहुत प्रिय है। इसे दिवाली की पूजा की थाली में जरूर शामिल करना चाहिए। मान्यता है कि देवी लक्ष्मी को खास चीजें चढ़ाने से देवी की कृपा हमेशा व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों पर बनी रहती है। दिवाली के दौरान मौसमी फल गन्ना और सिंघाड़ा होता है और ऐसे में पहली फसल देवी लक्ष्मी को अर्पित की जाती है।
धार्मिक मान्यता है कि जहां गन्ना होता है, वहां धन की देवी निवास करती हैं। इसलिए दिवाली की पूजा में गन्ने को शामिल करना शुभ माना जाता है। इससे धन और समृद्धि बढ़ती है। साथ ही व्यक्ति को देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में खुशियां आती हैं।
गजलक्ष्मी भी मां लक्ष्मी का ही एक रूप हैं और हाथियों को गन्ना बहुत पसंद होता है। यही कारण है कि दिवाली की पूजा में गन्ना शामिल किया जाता है। पूजा के बाद प्रसाद के तौर पर लोगों में गन्ना बांटा जाता है।
मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा, कुमकुम, हल्दी, दीप-धूप, कपूर, रूई, कलावा, पीला सिंदूर, रोली, सुपारी, नारियल, अक्षत, अशोक और आम के पत्ते, मिट्टी का दीया और पीतल का दीया, सिंदूर-चंदन, पंचामृत, बताशा, मुरमुरे।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
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