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India News (इंडिया न्यूज),Delhi Air Pollution: दिवाली की रात राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में बैन के बावजूद जमकर हुई आतिशबाजी का बुरा असर सामने आया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई स्थानों पर 999 के खतरनाक स्तर तक पहुंच गया, जिससे दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की भयावह स्थिति उजागर हुई। लोकल सर्किल्स द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में सामने आया कि पटाखों से हुए प्रदूषण ने दिल्ली-एनसीआर के 69 प्रतिशत परिवारों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार बना दिया।
सर्वे के अनुसार, 69 प्रतिशत परिवारों के एक या एक से अधिक सदस्यों को गले में खराश और खांसी जैसी शिकायतें हुईं। 62 प्रतिशत लोगों ने आंखों में जलन की शिकायत की, जबकि 46 प्रतिशत को नाक बहने की समस्या से जूझना पड़ा। यह स्थिति दो सप्ताह पहले की तुलना में कहीं अधिक खराब हो गई है, जब केवल 36 प्रतिशत लोग इन समस्याओं से प्रभावित थे।
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दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने 1 जनवरी 2025 तक पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। बावजूद इसके, अधिकारियों की सख्ती न होने के कारण चारों एनसीआर शहरों में पटाखों की खुलेआम बिक्री और इस्तेमाल जारी रहा। इस लापरवाही का नतीजा दिवाली की रात साफ नजर आया, जब हवा में घुले जहर ने बीमारियों का खतरा बढ़ा दिया। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) से पहले से ही पीड़ित लोगों के लिए यह स्थिति और भी भयावह बन गई।
दिवाली के बाद हुए इस सर्वेक्षण में दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के 21,000 से अधिक निवासियों की प्रतिक्रियाएं दर्ज की गईं। इसमें 63 प्रतिशत पुरुष और 37 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं। इस भयावह प्रदूषण स्तर ने दिल्ली-एनसीआर के निवासियों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य संकट खड़ा कर दिया है, जिससे उबरने के लिए त्वरित उपायों की आवश्यकता है।
Himachal AQI: दिवाली के बाद हिमाचल में भी जहरीली हुई हवा, खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण का स्तर
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