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India News (इंडिया न्यूज),Sharda Sinha:पद्म भूषण और बिहार कोकिला लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार को दिल्ली एम्स में निधन हो गया। उन्हें मल्टीपल मायलोमा (एक प्रकार का ब्लड कैंसर) था। वे एम्स के कैंसर विभाग में भर्ती थीं। एम्स नई दिल्ली की ओर से जारी बयान के मुताबिक शारदा सिन्हा की मौत सेप्टीसीमिया के कारण हुई। हालांकि उन्हें ब्लड कैंसर था, लेकिन यह बीमारी मौत का कारण बनी। सेप्टीसीमिया क्या है? इससे मौत कैसे होती है? आइए जानते हैं इसके बारे में।
सेप्टीसीमिया एक खतरनाक स्थिति है, जिसमें शरीर में संक्रमण के कारण रक्त में विषाक्त पदार्थों का स्तर काफी बढ़ जाता है, जिससे शरीर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। सेप्टीसीमिया के कारण रक्त में विषाक्तता पैदा होती है। यह संक्रमण तब होता है, जब शरीर में खतरनाक बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उन्हें सामान्य लोगों की तुलना में इस बीमारी के होने का खतरा अधिक होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग पहले से किसी बीमारी का इलाज करा रहे हैं, उनमें सेप्टीसीमिया होने का खतरा अधिक होता है। सेप्टीसीमिया संक्रमण अक्सर खतरनाक होता है, क्योंकि कई मामलों में इसके बैक्टीरिया इतने मजबूत हो जाते हैं कि वे दवाओं और किसी भी तरह के इलाज के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं। ऐसे में उन पर दवाओं का कोई असर नहीं होता।
डॉक्टरों की माने तो सेप्टीसीमिया होने पर अचानक तेज बुखार आता है और दिल की धड़कन तेज हो जाती है। सांस लेने में दिक्कत होती है। सेप्सिस के तीन चरण होते हैं। पहले चरण में संक्रमण के कारण शरीर में सूजन आने लगती है। दूसरे चरण में सूजन और संक्रमण के कारण बीपी कम हो जाता है और आखिरी चरण में शरीर के कई अंग एक साथ काम करना बंद कर देते हैं और ऑर्गन फेलियर हो जाता है। इससे ब्रेन डैमेज हो सकता है और दिल भी अचानक काम करना बंद कर देता है। जिससे मौत हो जाती है।
सेप्टीसीमिया सेप्टिक शॉक का कारण भी बन सकता है। इसमें खून में मौजूद बैक्टीरिया पूरे खून को टॉक्सिन से भर देते हैं। ऐसे में ब्लड प्रेशर भी लो होने लगता है। इससे कोई अंग या शरीर का ऊतक अचानक डैमेज हो सकता है। सेप्टिक शॉक एक आपातकालीन स्थिति होती है। शॉक वाले मरीजों को (आईसीयू) में रखा जाता है। अगर बीपी बहुत कम हो जाए तो मरीज को वेंटिलेटर पर रखने की भी जरूरत पड़ सकती है।
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