संबंधित खबरें
‘केंद्रीय अर्धसैनिक बल, CISF और पुलिस के जवान पैसे लेते हैं तो…’ रिश्वत लेने वालों पर CM Mamata ने ये क्या कह दिया?
चलती बस से कूदी लड़की, बस में फैली यौन शोषण की…महिला के मेडिकल से हुआ बड़ा खुलासा
UP के इन 5 जगहों में नहीं लगेगा कोई फोन कॉल, CM Yogi के इस फैसले से ‘खास समुदाय’ की हो गई खटिया खड़ी
यूपी में भेड़िया के बाद बाघ का आतंक! हमले में किसान को उतारा मौत के घाट
पहले फाड़े कपड़े, तोड़ दिए दांत और आंखे, फिर मार-मार कर किया अधमरा, महिला के साथ बदमाशों ने की सारे हदें पार
CM Yogi का बड़ा तोहफा, Vikrant Massey की The Sabarmati Report को किया टैक्स फ्री
India News (इंडिया न्यूज), Tectonic Plates: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद वर्षो से चल रही है। जो खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। दोनों देशों में सीमा विवाद एक केंद्रीय मुद्दा बना हुआ है। यह विवाद पिछले दशकों में कई सशस्त्र संघर्षों का कारण रहा है, जिसकी शुरुआत 1962 के युद्ध से हुई थी। हाल ही में इस सीमा को लेकर भारतीय मीडिया में एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि भारत अपनी जमीन खो रहा है और वह जमीन अब चीन के पास जा रही है। इस रिपोर्ट के अनुसार, इसकी सबसे बड़ी वजह टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल है, जो एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और हमेशा चलती रहती है।
बता दें कि, पृथ्वी की सबसे बाहरी परत, जिसे क्रस्ट कहा जाता है, कई छोटे-छोटे टुकड़ों से बनी है। इन टुकड़ों को टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। कुछ टेक्टोनिक प्लेट्स बहुत बड़ी होती हैं, जिन्हें महासागरीय प्लेट्स कहा जाता है। वहीं कुछ छोटी होती हैं और महाद्वीपीय प्लेटों के रूप में होती हैं। इन प्लेटों के आकार और संख्या को लेकर वैज्ञानिकों में कुछ मतभेद हो सकते हैं। टेक्टोनिक प्लेट्स पृथ्वी के अंदर मौजूद तरल पदार्थ (मैग्मा) पर तैरती हैं। जब मैग्मा उबलता है, तो पृथ्वी की सतह पर दरारें दिखाई देने लगती हैं। इन दरारों के कारण प्लेटें अपनी जगह से खिसकती हैं और हर साल कुछ सेंटीमीटर खिसकती रहती हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह से प्राकृतिक है और अरबों सालों से चली आ रही है। इन प्लेटों की गति के कारण महाद्वीप एक दूसरे के करीब आते हैं या एक दूसरे से दूर चले जाते हैं।
भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट करीब 50 करोड़ साल पहले आपस में टकराई थीं। चीन यूरेशियन प्लेट पर स्थित है और इसी टकराव की वजह से हिमालय पर्वत श्रृंखला का निर्माण हुआ था। इस टकराव की प्रक्रिया के कारण भूकंप भी आए हैं। जर्मनी के पॉट्सडैम में जियो रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं ने भारतीय प्लेट को टेक्टोनिक प्लेटों की प्रतिस्पर्धा में सबसे तेज प्रतिभागी बताया है। भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच टकराव अभी भी जारी है, जिसके कारण भारत की भौगोलिक स्थिति लगातार बदल रही है। इस टकराव का असर यह है कि भारत की जमीन हर साल कुछ सेंटीमीटर की गति से खिसक रही है और यह जमीन धीरे-धीरे चीन के भूभाग में विलीन होती जा रही है।
दरअसल, जब तक टेक्टोनिक प्लेटों की टक्कर जारी रहेगी, भारत की ज़मीन खिसकती रहेगी। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रक्रिया कुछ समय में धीमी हो जाएगी। जियो रिसर्च सेंटर में कार्यरत भूभौतिकीविद् सबरीना मेसगर कहती हैं कि अगर भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे खिसकती रही, तो एक दिन भारत पूरी तरह से गायब हो सकता है। लेकिन, जिस तरह हर टक्कर के साथ गति कम होती जाती है, उसी तरह यह प्रक्रिया रुक भी सकती है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.