जिस सोयाबीन को प्रोटीन समझकर खाते है आप एक बार जान लीजिये उसका घिनोना सच...सच्चाई जान निगलना भी हो जाएगा मुश्किल?
होम / जिस सोयाबीन को प्रोटीन समझकर खाते है आप एक बार जान लीजिये उसका घिनोना सच…सच्चाई जान निगलना भी हो जाएगा मुश्किल?

जिस सोयाबीन को प्रोटीन समझकर खाते है आप एक बार जान लीजिये उसका घिनोना सच…सच्चाई जान निगलना भी हो जाएगा मुश्किल?

Prachi Jain • LAST UPDATED : November 10, 2024, 4:00 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

जिस सोयाबीन को प्रोटीन समझकर खाते है आप एक बार जान लीजिये उसका घिनोना सच…सच्चाई जान निगलना भी हो जाएगा मुश्किल?

Bad Effects Of Soybean On The Body: सोयाबीन में उच्च प्रोटीन मात्रा होती है, लेकिन भारतीय शरीर इस प्रोटीन को पचाने में सक्षम नहीं है। कुछ वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के अनुसार, सोयाबीन के प्रोटीन को पचाने वाले विशेष एंजाइम्स भारतीय पाचन तंत्र में नहीं पाए जाते।

India News (इंडिया न्यूज), Bad Effects Of Soybean On The Body: करीब 40-45 साल पहले तक भारत में शायद ही किसी ने सोयाबीन का नाम सुना था। भारतीय रसोई में इसे न खाने की एक वजह भी थी: इसकी खेती और खपत की शुरुआत ही यहाँ बहुत बाद में हुई। पर अचानक से यह भारत में लोकप्रिय हो गया। इसके पीछे एक कहानी छिपी है जो हमें 1991 के समय के एक अहम आर्थिक फैसले से जोड़ती है। तब देश में ग्लोबलाइजेशन और आर्थिक सुधारों के नाम पर कई ऐसे समझौते हुए, जिन्होंने देश के कृषि और खानपान के पैटर्न को बदल दिया।

उस समय डॉ. मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे, और भारत ने एक अनोखा समझौता किया – जिसके तहत हॉलैंड से एक करोड़ टन सुअरों का गोबर भारत लाया जाएगा। यह गोबर “उच्च गुणवत्ता” वाला माना गया, और कहा गया कि इसे खेतों में खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। जब मनमोहन सिंह से इसके पीछे की वजह पूछी गई, तो उन्होंने जवाब दिया कि हॉलैंड के सूअर सोयाबीन खाते हैं, जिससे उनकी खाद में खास गुणवत्ता होती है।

यही नहीं, यह भी खुलासा हुआ कि हॉलैंड के इन सूअरों को सोयाबीन खिलाने के लिए भारत से ही सोयाबीन आयात किया जा रहा था। खासकर मध्यप्रदेश के किसानों को इस फसल की ओर आकर्षित करने के लिए इसे काफी प्रोत्साहित किया गया। उन्हें सोयाबीन की खेती के लिए अधिक कीमत का वादा किया गया और कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों को रिश्वत देकर इसे स्वास्थ्य के लिए अच्छा बताने के लिए भी कहा गया। परिणामस्वरूप किसानों ने सोयाबीन उगाना शुरू कर दिया, और धीरे-धीरे यह फसल हमारे खेतों का हिस्सा बन गई।

दुनिया का सबसे बड़ा अरावली माउंटेन अब होता जा रहा है खोखला…वीडियो में दिखा ऐसा कि लोगो की भी फटी रह गई आंखें

सोयाबीन का स्वास्थ्य और पर्यावरण पर असर

हालाँकि सोयाबीन में उच्च प्रोटीन मात्रा होती है, लेकिन भारतीय शरीर इस प्रोटीन को पचाने में सक्षम नहीं है। कुछ वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के अनुसार, सोयाबीन के प्रोटीन को पचाने वाले विशेष एंजाइम्स भारतीय पाचन तंत्र में नहीं पाए जाते। यह एंजाइम केवल सूअरों के शरीर में पाया जाता है। इससे सोयाबीन का प्रोटीन हमारे शरीर में इकट्ठा होता रहता है और लम्बे समय में स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है।

इसके अलावा, सोयाबीन की खेती से भूमि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कुछ वैज्ञानिक कहते हैं कि यदि किसी खेत में 10 साल तक लगातार सोयाबीन उगाई जाती है, तो उस भूमि की उर्वरता समाप्त हो जाती है और आगे कुछ भी उगाना कठिन हो जाता है। सोयाबीन की खेती के कारण मृदा में बंजरपन आ सकता है, और इसे उपजाऊ बनाने के लिए काफी समय और संसाधन लग सकते हैं।

छठ पर्व पर खतरे में जान डाल पूजा करती रही ये महिला, बगल से निकल रही थी मौत, वीडियो देखने वालों की कांप जाएगी रूह

प्रोटीन से भरपूर है ये चीजें

हमारे देश में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों के लिए कई और अच्छे विकल्प मौजूद हैं। उरद की दाल, मूँगफली, काला चना, और अन्य प्रकार की दालें, जो हमारे पूर्वज भी खाते आए हैं, हमारे लिए बेहतर साबित हो सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों से हमें प्रोटीन और जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं, जो हमारे पाचन तंत्र के अनुकूल भी होते हैं।

तेल का चुनाव, शुद्ध और प्राकृतिक चीजों की ओर

तेल की बात करें, तो रिफाइंड और वेजिटेबल ऑयल के स्थान पर सरसों, मूंगफली, तिल, और सूरजमुखी का तेल बेहतर हैं। पुराने समय से हमारे पूर्वज इन्हीं शुद्ध तेलों का उपयोग करते आए हैं। रिफाइंड तेलों में पाचन के लिए हानिकारक तत्व होते हैं, जो हमारे शरीर में धीमा जहर की तरह कार्य कर सकते हैं। इसलिए शुद्ध और पारंपरिक तेलों का सेवन स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है।

ट्रैन के दो कोच के बीच दब कर मर गया था जो शख्श, सामने आई उसके केस की जांच रिपोर्ट, पढ़ने वाले की कांप जाएगी रूह

एक सवाल?

सोयाबीन की इस कहानी के पीछे का सच और भारतीय खानपान की पुरानी परंपराओं की तुलना करें, तो यह सवाल उठता है कि क्या वास्तव में हमें सोयाबीन की जरूरत थी? पुराने समय में हमारी दादी-नानी भी इसे नहीं खाती थीं और फिर भी वे स्वस्थ रहती थीं। आज हमें जरूरत है कि हम अपने खानपान में पारंपरिक खाद्य पदार्थों को महत्व दें, जो हमारे स्वास्थ्य के अनुकूल हों।

इस तरह सोयाबीन का भारत में प्रवेश और इसका प्रचार-प्रसार एक ऐसी कहानी है, जो हमें अपने खानपान और खेती की परंपराओं को फिर से सोचने पर मजबूर करती है।

‘मरकर भी नहीं छोड़ेंगे तेरा साथ’…कलयुग के इस जोड़े ने किया इस कहावत को सच, अपनी ब्रेन डेड पत्नी की ICU में मांगभर घायल पति ने कहा अलविदा!

Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

देवली-उनियारा में तनावपूर्ण हालात, नरेश मीणा फरार, हिरासत में 100 समर्थक
देवली-उनियारा में तनावपूर्ण हालात, नरेश मीणा फरार, हिरासत में 100 समर्थक
रावण की इस एक आदत ने जब मंदोदरी का कर दिया था नाक में दम…कितनी भयानक थी दशानन की वो एक बुरी आदत?
रावण की इस एक आदत ने जब मंदोदरी का कर दिया था नाक में दम…कितनी भयानक थी दशानन की वो एक बुरी आदत?
ऑटो में बैठी थी महिला तभी पीठ पर किसी ने फेरा हाथ, पीछे मुड़ी तो कांप गई रूह, देखें सबसे डरावने 5 मिनट की झलक
ऑटो में बैठी थी महिला तभी पीठ पर किसी ने फेरा हाथ, पीछे मुड़ी तो कांप गई रूह, देखें सबसे डरावने 5 मिनट की झलक
अकेला पाकर वृद्ध महिला के साथ युवक करने लगा घिनौनी हरकत, जब पहुंची घर बहू तो फटी रह गई आंखे
अकेला पाकर वृद्ध महिला के साथ युवक करने लगा घिनौनी हरकत, जब पहुंची घर बहू तो फटी रह गई आंखे
कौन है ओम बिरला के दामाद जिनकी हर तरफ हौ रही है चर्चा? इस बड़े खानदान से रखतो हैं तालुख
कौन है ओम बिरला के दामाद जिनकी हर तरफ हौ रही है चर्चा? इस बड़े खानदान से रखतो हैं तालुख
तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने उठाया बड़ा कदम, कई नए नतीजे होंगे घोषित
तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने उठाया बड़ा कदम, कई नए नतीजे होंगे घोषित
दिल्ली की सब्जी मंडी में विक्रेताओं को ठेलों पर नाम और नंबर लिखने का आदेश, जानें क्यों
दिल्ली की सब्जी मंडी में विक्रेताओं को ठेलों पर नाम और नंबर लिखने का आदेश, जानें क्यों
मोतिहारी में CSP संचालक की गोली मारकर हुई हत्या! जानें पूरा मामला
मोतिहारी में CSP संचालक की गोली मारकर हुई हत्या! जानें पूरा मामला
आंत में महीनों से भरी गंदगी का हो जाएगा खात्मा, कब्ज में भी मिलेगा आराम…बाबा रामदेव के इस देसी नुस्खे में छिपें है कई रामबाण, आजमाए जरुर
आंत में महीनों से भरी गंदगी का हो जाएगा खात्मा, कब्ज में भी मिलेगा आराम…बाबा रामदेव के इस देसी नुस्खे में छिपें है कई रामबाण, आजमाए जरुर
ऐसी भी क्या आन पड़ी जो देवताओं को छिपाने पड़ गए थे कर्ण के कवच? आज भी इस जगह पर है मौजूद!
ऐसी भी क्या आन पड़ी जो देवताओं को छिपाने पड़ गए थे कर्ण के कवच? आज भी इस जगह पर है मौजूद!
प्रदेश सरकार का बड़ा एक्शन, सीएम सुक्खू करेंगे पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक
प्रदेश सरकार का बड़ा एक्शन, सीएम सुक्खू करेंगे पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक
ADVERTISEMENT