संबंधित खबरें
इन 5 लोगों के लिए जहर है आंवला, खाने से बन सकता है गले का फंदा, जान लें इसके खाने से शरीर पर क्या होगा भारी नुकसान
सुबह खाली पेट खाएं ये मीठी चीज, ब्लड शुगर कंट्रोल करने से लेकर खोखली हड्डियों की मजबूती तक में करेगा मदद
जोड़ों से गायब हो जाएगा भयंकर से भयंकर Uric Acid, क्रिस्टल को सोख लेगी ये खास चटनी, बस इन 5 चीजों से करें तैयार
किड़नी में हो या फिर गॉलब्लेडर में जमी बैठी हो कितनी भी बड़ी पथरी…हफ्तेभर में हो जाएगी खत्म, जो कर लिया ये घरेलू उपाय?
ब्लड सुगर लेवल हो गया है 200 पार, तो अज से हीं खाली पेट खाना शुरू कर दें ये 5 चीजें, हमेसा के लिए काबू हो जाएगा Diabetes!
सर्दियां आते ही क्या आपकी भी कमर में होने लगा है सीधी ओर दर्द? इन 5 गंभीर रोगों का दे रहा है संकेत, जानें कैसे करे बचाव?
India News (इंडिया न्यूज़), 3 Leaves Reduce Uric Acid: यूरिक एसिड एक ऐसा उपोत्पाद है जो शरीर में प्यूरीन नामक पदार्थ के टूटने से बनता है। प्यूरीन हमारे शरीर की हर कोशिका में पाया जाता है और हमारे भोजन से बनता है। खास तौर पर जब हम मांसाहारी भोजन, शराब और कुछ समुद्री खाद्य पदार्थ खाते हैं, तो यह प्रोटीन बनाता है और प्रोटीन के उपोत्पाद के रूप में प्यूरीन टूट जाता है और यह यूरिक एसिड में बदल जाता है। आम तौर पर यह रक्त परिसंचरण के माध्यम से गुर्दे तक पहुंचता है और मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकल जाता है, लेकिन जब यह अधिक मात्रा में बनने लगता है, तो यूरिक एसिड जोड़ों के बीच क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगता है और हड्डियों के बीच दर्द का कारण बनता है। यूरिक एसिड क्रिस्टल गठिया और गाउट दर्द का कारण बन सकते हैं।
जब जोड़ों में यूरिक एसिड क्रिस्टल जमा हो जाते हैं, तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उन्हें विदेशी पदार्थ के रूप में पहचानती है और उन पर प्रतिक्रिया करती है, जिससे सूजन और दर्द होता है। लोग इस दर्द से निपटने के लिए दवाएँ लेते हैं, लेकिन दवाएँ स्थायी समाधान नहीं हैं। कुछ अध्ययनों ने मजबूत संकेत दिए हैं कि कुछ पत्तियों में इतने मजबूत एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं कि वे शरीर से यूरिक एसिड को हटाने में बेहद प्रभावी होते हैं और गठिया के दर्द को भी कम कर सकते हैं।
कालमेघ की पत्तियों में यूरिक एसिड को कम करने की क्षमता होती है. शोध से पता चला है कि कालमेघ की पत्तियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, यानी जब सूजन होती है तो वह कोशिकाओं के अंदर सूजन की वजह से होती है. कालमेघ इस सूजन को होने नहीं देता. इसलिए कालमेघ गठिया या जोड़ों के दर्द को कम करने में माहिर है. अध्ययन के अनुसार कालमेघ में एंटीहाइपरयूरिसेमिक गुण मौजूद होते हैं. इसका मतलब है कि यह शरीर में मौजूद यूरिक एसिड को खून के जरिए पेशाब के जरिए शरीर से बाहर भेजता है. एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों की वजह से यह जोड़ों में जमा मोनोसोडियम यूरेट क्रिस्टल को घोल देता है. इन सबके बावजूद डॉक्टर की सलाह के बिना कालमेघ की पत्तियों का सेवन न करें. एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
अमरूद तो हर कोई खाता है लेकिन क्या आपने कभी अमरूद की पत्तियां खाई हैं. अगर आप कभी इसे चबाएंगे तो कई समस्याएं ठीक हो सकती हैं. एनसीबीआई जर्नल के अनुसार अमरूद के पत्तों में पॉलीफेनॉल यौगिक होते हैं जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-हाइपरयूरिसेमिक होते हैं। यह रक्त संचार के जरिए शरीर के अंदर मौजूद यूरिक एसिड को बाहर निकालता है। चूहों पर किए गए अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि अमरूद के पत्तों में यूरिक एसिड को कम करने की क्षमता होती है। इतना ही नहीं अमरूद के पत्ते ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित कर सकते हैं।
पुरूषों के लिए शिलाजीत का बाप है ये एक हरी चीज, जिसे खाते ही आएगी 100 घोड़ों जितनी ताकत
बाबा रामदेव ने सभी को बताया है कि गिलोय के पत्तों से डेंगू बुखार को ठीक किया जा सकता है, लेकिन वैज्ञानिक प्रयोगों में भी पाया गया है कि गिलोय शरीर से यूरिक एसिड को कम कर सकता है और यह गठिया के दर्द को भी कम करने में मदद करता है। आमतौर पर लोग गिलोय का जूस बनाकर पीते हैं, लेकिन आपको पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए क्योंकि इस पर अभी तक प्रयोगशाला में ही शोध किया गया है। इसका इंसानों पर परीक्षण होना बाकी है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.