India News (इंडिया न्यूज़), Kaliyug on Earth: आपने अपने आस-पास देखा होगा कि जब भी कोई बुरा काम या पाप होता दिखाई देता है तो लोग कहते हैं कि ‘घोर कलियुग चल रहा है।’ इसका मतलब यह है कि आस्तिक हो या नास्तिक, सभी जानते हैं कि कलियुग अच्छा समय नहीं है। कलियुग अपने आप में कई तरह के पापों को समेटे हुए है। आम बोलचाल की भाषा में ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि कलियुग एक समय, एक युग का नाम है, लेकिन महाभारत और कई पौराणिक कथाओं में इसके बारे में विस्तार से बताया गया है कि कलियुग में कलि को एक राक्षस माना गया है, जिसने अपने रहने के लिए आश्रय मांगा और फिर धीरे-धीरे पूरी दुनिया पर कब्जा कर लिया गया है। इसके साथ ही कुछ जगहों को अपना स्थायी निवास बना लिया। तो यहां जानें कि कलियुग धरती पर कैसे आया और किन 5 जगहों कलियुग मौजूद है।
महाभारत कथा के अनुसार बताया जाता है कि जब पांडवों के वंशज राजा परीक्षित को काली नामक राक्षस के आगमन की सूचना मिली तो राजा परीक्षित पूरी तैयारी के साथ काली से युद्ध करने निकल पड़े। काली राक्षस बहुत चालाक था। वो जानता था कि राजा परीक्षित बहुत ही प्रतापी राजा हैं, जिनकी ख्याति दूर-दूर तक फैल चुकी थी, जिस वजह से उसने राजा परीक्षित को प्रणाम किया और झूठी विनम्रता का दिखावा किया। फिरर उन्होंने कहा, “मैं रहने के लिए स्थान ढूंढ रहा हूं, कृपया मुझे रहने के लिए स्थान दें।”
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दरअसल, राजा परीक्षित जानते थे कि यदि काली को रहने के लिए स्थान दिया गया तो परिणाम बहुत घातक होंगे, इसलिए उन्होंने उसे जाने के लिए कहा, लेकिन फिर अपना काम न बनते देख काली ने राजा परीक्षित को ब्रह्मा के नियम समझाने शुरू कर दिए।
कलि ने कहा कि परम पिता ब्रह्मा ने 4 युगों की रचना की है। सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग और कलियुग। सभी ने अपने समय सीमा के अनुसार शासन किया है। अब ब्रह्मा के नियम के अनुसार, यह मेरा युग है इसलिए कृपया मुझे एक स्थान दें। राजा परीक्षित ने ब्रह्मा के नियम का पालन करते हुए, कलियुग को रहने के लिए पहला स्थान ‘सोने’ में दिया। राजा परीक्षित की बात सुनने के बाद कलियुग ने बिना देर किए राजा परीक्षित के सोने के मुकुट में अपना स्थान बना लिया और राजा परीक्षित की बुद्धि को प्रभावित करके उसने अपने लिए 5 स्थान भी मांग लिए। तब से कलियुग 5 स्थानों पर रहने लगा।
कलियुग का वास उस जगह पर होता है, जहां शराब परोसी जाती है क्योंकि शराब के घर में अक्सर लोगों की बुद्धि, विवेक, मर्यादा और इंसानियत खत्म हो जाती है और लोग कुछ भी सोचने-समझने की स्थिति में नहीं होते।
जुआ खेलने वाले घरों में बेईमानी से पैसा कमाया जाता है, ऐसे घरों में कोई देवी-देवता निवास नहीं करते, जिस वजह से यहां कलियुग का वास होता है। जुआ खेलने वाला व्यक्ति किसी भी तरह से जीतने की कोशिश करता है, उसे धर्म और अधर्म का कोई ज्ञान नहीं होता।
कलियुग उस स्थान पर भी निवास करता है जहां आनंद के लिए निर्दोष प्राणियों की हत्या की जाती है। किसी भी निर्दोष प्राणी को मारने के लिए मानवता का त्याग करना पड़ता है, इसलिए ऐसी क्रूर जगह पर भी कलियुग का शासन माना जाता है।
कलियुग वेश्यालयों में भी रहता है क्योंकि वेश्यालयों में मानवीय संवेदनाएं नहीं होतीं। यहां इंसानों को पैसे के बल पर वस्तु की तरह खरीदा और बेचा जाता है, इसलिए जहां भी नियम नहीं होते, वहां कलियुग रहता है।
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