India News (इंडिया न्यूज), Jhansi Hospital Fire Incident: उत्तर प्रदेश के झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में शुक्रवार (15 नवंबर) रात को लगी आग में 10 बच्चों की मौत हो गई। वहां मौजूद कृपाल 20 परिवारों के लिए मसीहा बन गए। उन्होंने खिड़की तोड़कर अंदर फंसे 20 मासूमों को अपने हाथों से बाहर निकाला। एनआईसीयू से कम से कम 40 बच्चों को बचा लिया गया। अस्पताल में आग लगने के बाद उन्होंने सक्रियता से बाड़ के अंदर से बच्चों को बाहर निकालने का ऑपरेशन चलाया। हालांकि उन्हें अभी भी नहीं पता कि उनका अपना बच्चा और बच्चे की मां कहां हैं।
दरअसल, कृपाल का कहना है कि वह बार-बार अस्पताल प्रशासन से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। कृपाल का नवजात भी उसी वार्ड में भर्ती था। कृपाल अपने नवजात को दूध पिलाने जा रहे थे। नर्स ने उन्हें बुलाया था। कृपाल अंदर गए तो देखा कि आग ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले उन्होंने शोर मचाकर आग पर काबू पाने का काम किया। किसी तरह नर्स को बचाया गया और फिर उसकी मदद से कृपाल ने करीब 40 बच्चों को बचाया। कृपाल ने खुद अपने हाथों से NICU से 20 बच्चों को बाहर निकाला।
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कृपाल बताते हैं कि उनकी पत्नी और नवजात बच्चा भी वहां थे जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है। उन्हें अपनी पत्नी के बारे में भी कोई खबर नहीं है। इतने बच्चों को बचाने के बावजूद उनके अपने परिवार की क्या हालत है, यह बताने वाला वहां कोई नहीं है। अस्पताल प्रशासन कोई जवाब नहीं दे रहा है। कृपाल बताते हैं कि घर में यह पहला बच्चा है। बच्चे के जन्म के बाद परिवार में खुशी का माहौल था लेकिन डॉक्टर ने बताया कि बच्चे में कुछ दिक्कत है और उसे NICU में रखना पड़ेगा। मेरी शादी देर से हुई, इसलिए बच्चा भी देर से पैदा हुआ। ऐसे में घर में सभी पोते-पोतियों का इंतजार कर रहे हैं। अब सभी उनकी खोजबीन के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।
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