India News (इंडिया न्यूज), Benefits Of Pigeon Pea Leaves: बवासीर (पाइल्स) एक आम स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है, जो अस्वस्थ जीवनशैली और खराब खान-पान की आदतों के कारण तेजी से फैल रही है। हालांकि, इसका समाधान आयुर्वेद में बहुत पहले से मौजूद है। अरहर के पत्ते, जो आसानी से उपलब्ध होते हैं, बवासीर के इलाज में अत्यधिक प्रभावी माने जाते हैं।
अरहर के पत्ते में प्रोटीन और फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं। फाइबर कब्ज को रोकने में मदद करता है, जो बवासीर की मुख्य वजह है। अरहर के पत्ते के सेवन से शौच नली की सफाई होती है और बवासीर की समस्या धीरे-धीरे कम होने लगती है।
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खूनी बवासीर के लिए, अरहर के पत्तों को देसी घी में भूनकर सेवन करें। इससे शौच के दौरान खून आना बंद हो जाता है और दर्द में राहत मिलती है।
शौच नली के पास मस्से होने की स्थिति में, अरहर के पत्तों को पीसकर मस्सों पर लगाएं। इसे कुछ देर तक छोड़ने के बाद गुनगुने पानी से साफ कर लें। यह प्रक्रिया दिन में 3-4 बार दोहराने से मस्से झड़कर गिर जाएंगे।
अरहर के पत्तों में एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो शौच नली के संक्रमण को दूर करते हैं और आंतरिक सूजन को कम करते हैं।
अरहर के पत्ते बवासीर जैसी जटिल समस्या का प्राकृतिक और प्रभावी समाधान हैं। नियमित सेवन और सही तरीके से उपयोग करने से बवासीर से हमेशा के लिए राहत मिल सकती है। यह उपाय न केवल बवासीर के लिए, बल्कि पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखने के लिए फायदेमंद है।
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