India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan News: राजस्थान के बाड़मेर में सोमवार को आयोजित नगर परिषद की आखिरी बोर्ड मीटिंग में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। मीटिंग में नेताओं, विधायकों, और पार्षदों ने विभिन्न आरोपों की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। प्रमुख मुद्दे, जिन पर विवाद हुआ, उनमें प्रशासन शहरों के संग अभियान में फर्जी पट्टों का जारी होना, रोड लाइटों की खरीदी में घोटाले, और सरकारी जमीनों पर भूमाफियाओं द्वारा पट्टे प्राप्त करना शामिल थे।
बाड़मेर विधायक प्रियंका चौधरी ने आरोप लगाया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान में 20,000 पट्टों का दावा किया गया था, लेकिन वास्तव में केवल 4,000 पट्टे बनाए गए, और बाकी पट्टों का रिकॉर्ड गायब था। इस अभियान से नगर परिषद को 125 करोड़ रुपये की आय का दावा किया गया था, लेकिन यह रकम कहां गई, इसका कोई हिसाब नहीं है। उन्होंने कहा कि इन पैसों का बंदरबांट हुआ और बिना वर्क ऑर्डर के इन पैसों का भुगतान किया गया।
प्रियंका चौधरी ने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपये की रोड लाइटों की खरीदी अवैध तरीके से की गई, और इस प्रक्रिया में कोई स्वीकृति, प्रस्ताव या बीएसआर नहीं था। इसके बावजूद, लाखों रुपये का भुगतान किया गया, जबकि नगर परिषद के पास बिजली के बिल और कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए पैसे नहीं हैं। उन्होंने नगर परिषद को आर्थिक रूप से दिवालिया होने की स्थिति में बताया।
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बाड़मेर जे़सलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने भी कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नगर परिषद ने भूमाफियाओं को सरकारी जमीनों पर पट्टे जारी किए, और एक ही भूखंड पर चार-चार पट्टे दिए गए। इसके अलावा, उन्होंने अन्नपूर्णा रसोई में सामग्री आपूर्ति और महंगाई राहत कैंपों में घोटाले के आरोप लगाए, जिसमें करोड़ों रुपये की धांधली हुई है।
सांसद बेनीवाल ने नगर परिषद द्वारा बनाई जा रही सड़कों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता से काम नहीं करने वाले ठेकेदारों पर पेनल्टी लगाई जानी चाहिए, और जो ठेकेदार मानक का पालन नहीं करते, उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाना चाहिए। बेनीवाल ने नवो बाड़मेर अभियान के तहत कचरा संग्रहण के टेंडर में भी वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया और जांच की मांग की।
बता दें कि, जांच और एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। सांसद बेनीवाल और विधायक प्रियंका चौधरी ने सभी आरोपों की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की, ताकि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। इस मीटिंग में उठाए गए इन गंभीर आरोपों ने नगर परिषद के कार्यों और प्रशासन के भ्रष्टाचार पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं, और क्या इन आरोपों की जांच होती है या नहीं।
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