इंडिया न्यूज, श्रीनगर:
Jammu Kashmir News जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद घाटी में शांति का एक और उदाहरण सामने आया है। प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर स्थित एक चर्च में क्रिसमस से पहले 30 साल बाद सामूहिक प्रार्थना आयोजित की गई।
इसके अलावा घाटी के मंदिरों में भी अब घंटियां बजने लगी हैं। हाल ही में ऐसे उदाहरण देखने को मिले हैं। श्रीनगर के जिस चर्च में 1990 के बाद प्रार्थना का आयोजन किया गया सेंट ल्यूक नाम का यह चर्च 120 वर्ष पुराना है। इसी सप्ताह बुधवार को यहां सामूहिक प्रार्थना हुई, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए।
गौरतलब है कि कश्मीर में वर्ष 1990 में बढ़े आतंकवाद के बाद 1990 में इस चर्च को बंद कर दिया गया था। पिछले महीने ही इसका पुनरुद्धार किया गया था। गुरुवार को आधिकारिक तौर पर इस चर्च को जनता के लिए खोले जाने का प्लान था । बता दें कि सेंट ल्यूक डलगेट इलाके में शंकराचार्य पहाड़ी की तलहटी में चेस्ट रोग अस्पताल के पास स्थित है। 1990 से पहले यहां नियमित प्रार्थना और क्रिसमस पर सामूहिक विशाल सभा का भी आयोजन होता था।
जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग ने चर्च का नवीनीकरण स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किया है। चर्च के अधिकारी डेविड राजन ने बताया कि जीर्णोद्धार और पुराने वैभव को बहाल करने के 30 साल बाद इस चर्च के खुलने से ईसाई समुदाय में खुशी का माहौल है। डॉ. अर्नेस्ट और डॉ. आर्थर नेवे द्वारा बनाई गई आधारशिला, टू द ग्लोरी आॅफ गॉड और एज ए विटनेस टू कश्मीर को 12 सितंबर, 1896 को द बिशप आॅफ लाहौर द्वारा समर्पित किया गया था।
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