संबंधित खबरें
मुस्लिम बहुल इलाकों में मिली हार के बाद तिलमिला उठे सपाई, कह दी ऐसी बात सुनकर सकते में आ जाएंगे आप
महाराष्ट्र्र चुनाव में मौलानाओं के फतवे का बीजेपी पर नहीं पड़ा कुछ असर, अब PM Modi देंगे ऐसी सजा 7 पुश्तें भी रखेंगी याद
‘एक हैं तो नेक हैं…’, PM Modi की ये बात सुनकर खुशी से झूम उठे सीएम योगी, जानिए क्या है इसके मायने?
‘कांग्रेस ने दिल्ली के आसपास की जमीन छीनकर वक्फ बोर्ड…’, ये क्या बोल गए PM Modi? सुनकर तिलमिला उठे राहुल-प्रियंका
‘हमने लोकतंत्र की परीक्षा…’, झारखंड चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद ये क्या बोल गए हेमंत सोरेन? PM Modi को नहीं आएगा रास
हेमंत सोरेन से अलग क्या है कल्पना की पहचान? राजनीति में आने से पहले चलाती थीं प्ले स्कूल, JMM की जीत में रही बड़ी भूमिका
India News (इंडिया न्यूज), Sharad Pawar: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति को जबरदस्त जीत मिलती हुई दिख रही है। तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी को करारी हार मिलती हुई नजर आ रही है। लोकसभा चुनाव में शरद पवार की पार्टी एनसीपी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और कांग्रेस को जबरदस्त जीत मिली थी। लेकिन विधानसभा चुनाव में अब तक रुझानों के मुताबिक महा विकास अघाड़ी को करारी हार का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में शरद पवार के भविष्य को लेकर चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।
महाराष्ट्र में शरद पवार का शानदार करियर बेहद दर्दनाक अंत की ओर जाता दिख रहा है। हार साफ नजर आने के साथ ही शरद पवार ने संकेत दे दिए हैं कि, 2026 में राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद वह सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लेंगे। अगर 83 वर्षीय शरद पवार अपनी योजना पर आगे बढ़ते हैं तो यह उनके शानदार करियर का सबसे दुखद अंत होगा। अब तक के रुझानों के मुताबिक, शरद पवार की एनसीपी को 10 सीटों पर बढ़त मिली थी, जिनमे से 6 सीटों पर उन्होंने जीत हासिल कर ली है और 4 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
‘ये पहले से तय था…’, उपचुनाव में सपा की हार पर कांग्रेस ने उठाए सवाल ; अजय राय ने कही ये बात
शरद पवार करीब 6 दशक से राजनीति में हैं, वे चार बार महाराष्ट्र के सीएम रहे। इतना ही नहीं, वे 1978 में महज 38 साल की उम्र में इस पद पर आसीन होने वाले सबसे युवा मुख्यमंत्री बने। उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में रक्षा, कृषि समेत कई विभागों को भी संभाला। 1991 में उन्होंने पीएम पद के लिए चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें पीवी नरसिम्हा राव के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 1999 में कांग्रेस से निकाले जाने के बाद पवार ने एनसीपी का गठन किया और महाराष्ट्र की राजनीति में अहम स्थान बनाया। इसके बाद वे कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में शामिल हुए और 10 साल तक कृषि मंत्री रहे।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, इस महीने की शुरुआत में शरद पवार ने अपने गढ़ बारामती में लोगों से कहा था कि वे इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं। पवार बारामती से 14 बार विधायक और सांसद रह चुके हैं। उन्होंने कहा था, ‘मैं सत्ता में नहीं हूं और राज्यसभा में मेरा कार्यकाल डेढ़ साल बचा है। इसके बाद मैं भविष्य में कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा। मुझे कहीं न कहीं रुकना ही पड़ेगा।’
अगर आप भी सर्दियों में खूब पीते हैं चाय या कॉफ़ी तो जान लें इससे होने वाले 5 भारी नुकसान
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.