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India News (इंडिया न्यूज), Israel warn Syria: मध्य-पूर्व काफी समय के बाद शांति नजर आ रही है। क्योंकि इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लंबे समय से चल रहे जंग में बुधवार (27 नवंबर) को युद्ध विराम लागू हो गया। लेकिन इस युद्ध विराम से ठीक पहले इजराइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने लेबनान-सीरिया सीमा पर हिजबुल्लाह के तस्करी मार्ग पर हवाई हमला किया। यह कार्रवाई सीरिया के रास्ते हिजबुल्लाह को ईरान द्वारा हथियारों की आपूर्ति रोकने के उद्देश्य से की गई। इस हमले के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि असद को यह समझ लेना चाहिए कि हिजबुल्लाह को ईरानी समर्थन देकर वह आग से खेल रहा है। दरअसल, इजरायल ने लेबनान-सीरिया सीमा पर हिजबुल्लाह के तस्करी मार्ग पर हमला करके हथियारों की तस्करी को रोकने की कोशिश की है।
बता दें कि, इजरायल का मुख्य उद्देश्य हिजबुल्लाह की ताकत को कमजोर करना है। लेबनान और सीरिया के बीच तस्करी के जरिए हिजबुल्लाह को ईरानी हथियार सप्लाई किए जाते हैं। इजरायल ने बुधवार (27 नवंबर) की सुबह उत्तरी लेबनान और सीरिया के बीच तीन मुख्य सीमा क्रॉसिंग को बंद कर दिया। इजरायल का उद्देश्य सीरिया से हिजबुल्लाह को मिलने वाले हथियारों के समर्थन को रोकना है, ताकि हिजबुल्लाह के मिसाइल निर्माण और तस्करी के प्रयासों को रोका जा सके। इस बारे में इजराइली सेना ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को साफ संदेश दिया कि हिजबुल्लाह का समर्थन करने की स्थिति में उनकी सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
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दरअसल, हिजबुल्लाह को मुख्य रूप से ईरान से सैन्य और वित्तीय सहायता मिलती है। इसके साथ ही उसे सीरिया से भी मदद मिलती है, जहां से वह हथियार और अन्य सैन्य उपकरण मंगवाता है। ऐसी आशंका है कि हिजबुल्लाह की बढ़ती गतिविधियों से इजराइल और सीरिया-लेबनान सीमा पर संघर्ष फिर से भड़क सकता है। ईरान सीरिया का इस्तेमाल हिजबुल्लाह को फिर से संगठित करने के लिए कर सकता है, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकती है।
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