इंडिया न्यूज, तोशाम/ चंडीगढ़:
NDRF Rescue Continues in Dadam: डाडम पहाड़ दरकने से हुए हादसे का रेस्क्यू अभी भी जारी है। शनिवार को 3 शवों और दो घायलों को निकाला गया था वहीं रात्रि के करीबन सवा दो बजे चौथा शव भी निकाला गया। पूरा प्रशासनिक अमला रेस्क्यू कार्य में दूसरे दिन भी जुटा रहा। उधर खनन कार्य कर रही कम्पनी गोवर्धन माइंस ने मृतकों के परिजनों को दस-दस लाख व घायल को दो लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
डाडम पहाड़ी में रेस्क्यू का कार्य लगातार चल रहा है। मालूम हो कि शनिवार सुबह 9 बजे के आसपास पहाड़ के दरकने से गिरी बड़ी-बड़ी शिलाएं के नीचे वाहन और कार्य में लगे लोग दब गए थे। घटना के बाद सकते में आए प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू कार्य शुरू किया। 3 शव शनिवार को निकाल दिए गए थे इसके अलावा दो घायल भी घटनास्थल से निकाले गए थे। रात्रि को को भी रेस्क्यू का कार्य जारी रहा।
रात को करीबन सवा दो बजे पंजाब के जिला होशियारपुर निवासी मुकेश दत्त नाम के व्यक्ति का चौथा शव एनडीआरएफ की टीम ने बरामद किया। रविवार को भी रेस्क्यू का कार्य जारी है। राजनैतिक लोग हों या आमजन हर कोई घटनास्थल पर पहुंचकर एक सवाल का जवाब ढूंढ रहा कि आखिर कितने लोग और दबे होंगे लेकिन, अभी तक मामले में कोई भी स्पष्ट स्थिति नहीं है। बावजूद इसके पूछताछ में सामने आया है कि संभवत 2-3 व्यक्ति ओर शिलाओं के नीचे दबे हो सकते हैं।
घटना के समय खदान में ही मौजूद थिलोड निवासी अमित ने बताया कि घटना के समय खदान के अंदर ही था। घटना करीबन 9 बजकर 7-8 मिनट की है। वह गाड़ी के पास में खड़ा था। शुरूआत में ऊपर से थोड़ा रेट चलने के बाद एकदम से पूरा पहाड़ सरक कर नीचे आ गया बड़ी-बड़ी शिलाएं आ गिरी। उस समय हालात काफी डरावने थे। गनीमत रही कि वह गाड़ी के पीछे ओट में खड़ा हो गया और उसकी जान बच गई। स्थिति शांत होने के बाद ही बाहर निकल कर आया।
थिलोड निवासी भूपसिंह ने बताया कि उसका मामा भालौठ निवासी धर्मबीर पत्थरों के नीचे है। दो दिन से उनका परिवार यहां खड़ा इंतजार कर रहा है। भीष्म महता ने बताया कि उनकी हाईवा गाड़ी मलबे के नीचे दबी हुई है। उन्होंने बताया की उनके चालक को चौटें आई हैं और लाइफ लाइन हिसार में दाखिल है।
उधर डाडम पहाड़ में हादसे के मामले को लेकर खनन करने वाली कंपनी गोवर्धन माइंस की तरफ से बड़ा बयान जारी हुआ है। इस मामले में कंपनी के माइनिंग मैनेजर संजय सिन्हा और सीईओ वेदपाल तंवर ने कहा कि कंपनी अपने नियमों के तहत खनन कर रही है। माइनिंग मैनेजर ने बताया कि जहां पर हादसा हुआ है उसके दोनों तरफ के पहाड़ वन विभाग के नियंत्रण में है वहां पर कोई भी खनन कार्य नहीं हो रहा है बल्कि कंपनी ने अपने हिस्से की भी कुछ क्षेत्र वन विभाग के लिए छोड़ रखा है पिछले करीबन दो माह से खनन कार्य पूरी तरह से बंद था।
एक जनवरी को ही खनन कार्य की शुरूआत होनी थी परंतु खनन की शुरूआत होने से पहले ही वन विभाग की तरफ की पहाड़ी से एक हिस्सा दरक कर गिर गया कंपनी पूरे नियमों के तहत खनन कार्य कर रही है हमने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है वेदपाल तंवर ने बताया कि कंपनी हादसे में मरने वाले मजदूरों को 10 -10 लाख रुपए और घायल को 2 लाख सहायता राशि के तौर पर देगी और जो भी राहत कार्य जारी है हम उसमें प्रशासन का पूरा सहयोग कर रहे हैं।
एसपी अजीत सिंह शेखावत ने कहा कि डाडम पहाड़ हादसे को 24 घंटे बीत चुके हैं, राहत कार्य पूरी जोर शोर से चल रहा है। अभी तक कुल 6 लोग निकाले जा चुके हैं जिनमें से 4 की मौत हो चुकी है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें रात से कार्य में जुटी हुई हैं। अभी राहत कार्य अभियान 24 घंटे और चल सकता है। उन्होंने बताया कि अनुमान है कि केवल एक व्यक्ति और दबाव हो सकता है। उन्होंने कहा कि पूरा प्रशासन जोर -शोर से कार्य में जुटा हुआ है और राहत कार्यों में कोई कमी नहीं रखी जाएगी।
खनन सुरक्षा विभाग के उप-निदेशक एके दास ने कहा कि रेस्क्यू का कार्य चल रहा है। मामले की जांच चल रही है, प्राथमिक जांच में यही लगता है कि स्लाइडिंग होकर पत्थर गिरा है। पत्थर तिरछा आकर गिरा है। हम मौके पर हैं और जांच कर रहे हैं। माइनिंग अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 32 नंबर खसरे में 48 हेक्टेयर भूमि माइनिंग की है और 41 हेक्टेयर जगह वन विभाग की है। माइनिंग लीगल तरीके से हो रही थी, जहां से पत्थर गिरा है वह फॉरेस्ट का एरिया है। फॉरेस्ट के एरिया से 30 फुट छोड़कर खनन कार्य किया जा रहा था।
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