होम / हमारे दिव्य वैज्ञानिक होते हैं संत, महात्मा और आध्यात्मिक गुरु

हमारे दिव्य वैज्ञानिक होते हैं संत, महात्मा और आध्यात्मिक गुरु

Mukta • LAST UPDATED : September 14, 2021, 6:33 am IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

हमारे दिव्य वैज्ञानिक होते हैं संत, महात्मा और आध्यात्मिक गुरु

guru-

आत्मा और भूमंडल का पर्यावरण
संत राजिन्दर सिंह जी महाराज

सृष्टि की शुरूआत से ही कुदरत के अद्भुत संतुलन द्वारा इस धरती पर जीवन कायम है, जो आज के आधुनिक युग में नई तकनीकों की वजह से खतरे में है। संचार माध्यम (मीडिया) हमें प्रतिदिन वातावरण में उत्पन्न हो रहे नए-नए खतरों के बारे में जानकारी देते हैं। ‘हवा’ जिसमें हम सांस लेते हैं, ‘पानी’ जो हम पीते हैं और ‘धरती’ जिससे हम भोजन प्राप्त करते हैं, ये सब धीरे-धीरे प्रदूषित होते जा रहे हैं।
ऐसी परिस्थितियों में पर्यावरण के बारे में सोचना और उसके बचाव के लिए कार्य करना पूरे विष्व के लिए एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इस विषय को हम चार हिस्सों में बांट सकते हैं, प्रकृति के चक्र को समझना, प्रदूषण के नतीजों के प्रति जागरूकता, प्रकृति की सुंदरता को बनाए रखना और ऐसे तरीकों को अपनाना जिससे पृथ्वी पर वातावरण साफ व शुद्ध बना रहे। इसके अलावा हम आत्मिक पर्यावरण का भी विष्लेषण करें। बाहरी वातावरण की तरह हमारी आत्मा पर भी कुछ बुनियादी नियम और चक्र लागू होते हैं। जिसके द्वारा हम यह जान सकते हैं कि प्रदूषण का हमारे अंतर में और आस-पास के माहौल पर क्या प्रभाव पड़ता है। अंतर और बाहर के पर्यावरण के लिए हमें इन्हीं चार पहलुओं का अध्ययन करना है।
कुदरत की बनावट बिल्कुल अचूक है। भूमंडल में केवल पृथ्वी ही पर्यावरण के अनुकूल है, जिसमें केवल यही ग्रह जीवन को आधार देने के योग्य है। ठीक इसी प्रकार केवल इस मानव शरीर में ही हम आत्मा के पर्यावरण को समझ सकते हैं। प्रकृति के चक्र जैसे, जल चक्र, पौधों का चक्र और जीवाष्म ईंधन की तरह आत्मा का भी चक्र है। सृष्टि के निर्माण के साथ ही आत्मा की यात्रा शुरू हुई और यह अब भी समय के साथ चल रही है। हमारी आत्मा एक दिव्य चिंगारी है और यही अंतर से हमें जान दे रही है। जैसे हीरा जमीन की गहराईयों में दबा होता है या अच्छे किस्म का तेल धरती की सतह के बहुत नीचे पाया जाता है, ठीक उसी प्रकार हमारी अनमोल दौलत अर्थात हमारी आत्मा मन और माया की सतह के नीचे दबी हुई है। जब तक आत्मा शरीर में रहती है तब तक शरीर जीवित रहता है।
जब आत्मा शरीर को छोड़ देती है तो मनुष्य की मृत्यु हो जाती है। जब परमात्मा ने सृष्टि की रचना की, उन्होंने आत्माओं को अपने आपसे जुदा किया ताकि वे इस दुनिया में निवास कर सकें। इस तरह हमारी आत्मा की यात्रा शुरू हुई। जब परमात्मा ने आत्माओं को अपने से जुदा किया, तब उन्होंने आत्माओं को वापिस अपने साथ मिलाने का रास्ता भी बताया। उन्होंने बताया कि हम आत्माएं प्रभु की ‘ज्योति’ व ‘श्रुति’ के साथ जुड़कर वापिस पिता-परमेश्वर से एकमेक हो सकती हैं।
आंतरिक और बाहरी पर्यावरण का अगला पहलू है ‘प्रदूषण’। हवा और पानी की तरह आत्मा की भी अपनी स्वाभाविक पवित्रता और सुंदरता है। लाखों-करोड़ों वर्षों से पृथ्वी पर ताजा वायु और स्वच्छ बहता पानी उपलब्ध है। हमारे दुरुपयोग की वजह से अब ये प्राकृतिक संसाधन दूषित हो चुके हैं। इसी प्रकार हमारी इंद्रियों की अतृप्त भूख को शांत करने की वजह से हमारी आत्मा की प्राकृतिक सुंदरता अथवा शुद्धता दूषित हो गई है। हमारी आत्मा मन के अधीन होकर दुनिया के प्रभाव में फंस गई है। सांसारिक जरूरतें और इंद्रियो के सुख हमारी शुद्ध आत्मा पर धूल की तरह जम गए हैं।
इस विषय का अगला पहलू है ‘आत्मा की सुंदरता की पुनरावृति’। पर्यावरण के वैज्ञानिक जो दूषित पानी और वायुमंडल को साफ करते हैं और विलुप्त हो रहे जानवरों की प्रजातियों को संरक्षण प्रदान करते हैं, वे आज के समय के नायक हैं। इसी तरह हमारी आत्मा के पर्यावरण के भी वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने आत्मा की वास्तविक सुंदरता को देखा है। वे धूल और गंदगी की प्रदूषित करने वाली परतों से भली-भांति परिचित हैं। इन दिव्य वैज्ञानिकों को हम ज्यादातर संत, महात्मा और आध्यात्मिक गुरु के नाम से जानते हैं, जो स्वयं इन प्रदूषित करने वाली परतों से आजाद होते हैं। संत और महात्मा हमें हमारा सच्चा रूप दिखाते हैं। वे हमें सिखाते हैं कि किस प्रकार हम अपनी आत्मा को जान सकते हैं और किस प्रकार उसे मन-माया की परतों के प्रदूषण से साफ कर सकते हैं? आंतरिक और बाहरी सफाई का चौथा पहलू है ‘आत्मा की वास्तविक सुंदरता को बरकरार रखना’। पर्यावरण के समर्पित वैज्ञानिक वातावरण की शुद्धता को बनाए रखने के लिए हमें हमारे कर्त्तव्यों को समझाते हैं। वे हमें बताते हैं कि हम ऐसा कोई भी कार्य न करें जिससे कि प्रकृति का संतुलन बिगड़े या वातावरण प्रदूषित हो।
इसी प्रकार संत-महापुरुष हमें बताते हैं कि हम भी कोई ऐसा अनैतिक कार्य न करें जिससे कि हमारी आत्मा अषुद्ध हो। जैसे-जैसे हम आध्यात्मिक पर्यावरण को स्वच्छ करते हैं, वैसे-वैसे हमारी आत्मा निर्मल और साफ होती चली जाती है। तब हमारी आत्मा के ऊपर से उसे प्रदूषित करने वाली सारी परतें हट जाती हैं, और अंत में वह पूरी तरह पाक और पवित्र हो जाती है। जिसके फलस्वरूप वह पिता-परमेश्वर में लीन होने के लिए हर समय तैयार रहती है।

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

शख्स दोस्तों के साथ मना रहा था अपना Birthday…तभी हुआ कुछ ऐसा भारत में मच गई चीख पुकार, मामला जान नहीं होगा विश्वास
शख्स दोस्तों के साथ मना रहा था अपना Birthday…तभी हुआ कुछ ऐसा भारत में मच गई चीख पुकार, मामला जान नहीं होगा विश्वास
अगर आपको है मर्दाना कमजोरी तो करें ये आसान Exercise, छूमंतर हो जाएगी सारी समस्या, वैवाहिक जीवन में मिलेगा चरम सुख
अगर आपको है मर्दाना कमजोरी तो करें ये आसान Exercise, छूमंतर हो जाएगी सारी समस्या, वैवाहिक जीवन में मिलेगा चरम सुख
पेट भरने वाली रोटी बनी कैंसर की वजह? धीमे-धीमे शरीर में जहर फैलाने का कर रही है काम, रिसर्च ने किया बड़ा खुलासा
पेट भरने वाली रोटी बनी कैंसर की वजह? धीमे-धीमे शरीर में जहर फैलाने का कर रही है काम, रिसर्च ने किया बड़ा खुलासा
लालू के बेटे को किया इस शख्स ने मानसिक प्रताड़ित, तेजस्वी ने लगाई पुलिस से एक्शन की गुहार
लालू के बेटे को किया इस शख्स ने मानसिक प्रताड़ित, तेजस्वी ने लगाई पुलिस से एक्शन की गुहार
सेब, जूस में मिलावट के बाद अब…केरल से सामने आया दिलदहला देने वाला वीडियो, देखकर खौल जाएगा आपका खून
सेब, जूस में मिलावट के बाद अब…केरल से सामने आया दिलदहला देने वाला वीडियो, देखकर खौल जाएगा आपका खून
BJP ने शुरू की दिल्ली विधानसभा की तैयारी… पूर्व APP नेता ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, बताई पार्टी  छोड़ने  की बड़ी वजह
BJP ने शुरू की दिल्ली विधानसभा की तैयारी… पूर्व APP नेता ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, बताई पार्टी छोड़ने की बड़ी वजह
शादी समारोह में गया परिवार…फिर घर लौटने पर छाया मातम, जानें पूरा मामला
शादी समारोह में गया परिवार…फिर घर लौटने पर छाया मातम, जानें पूरा मामला
पत्नी को हुए कैंसर के बाद Navjot Singh Sidhu ने दी ऐसी सलाह…बोले- ’10-12 नीम के पत्ते, सेब का सिरका और फिर स्टेज 4 कैंसर छू’
पत्नी को हुए कैंसर के बाद Navjot Singh Sidhu ने दी ऐसी सलाह…बोले- ’10-12 नीम के पत्ते, सेब का सिरका और फिर स्टेज 4 कैंसर छू’
ICC के फैसले का नहीं पढ़ रहा नेतन्याहू पर असर, लेबनान में लगातार बह रहा मासूमों का खून…ताजा हमलें में गई जान बचाने वालों की जान
ICC के फैसले का नहीं पढ़ रहा नेतन्याहू पर असर, लेबनान में लगातार बह रहा मासूमों का खून…ताजा हमलें में गई जान बचाने वालों की जान
शादी के मंडप पर अचानक पहुंची गर्लफ्रेंड… फिर हुआ हाई वोल्टेज फिल्मी ड्रामा
शादी के मंडप पर अचानक पहुंची गर्लफ्रेंड… फिर हुआ हाई वोल्टेज फिल्मी ड्रामा
पीएम जस्टिन ट्रूडो को आई अकल, भारतीयों के सामने झुकी कनाडा की सरकार…एक दिन बाद ही वापस लिया ये फैसला
पीएम जस्टिन ट्रूडो को आई अकल, भारतीयों के सामने झुकी कनाडा की सरकार…एक दिन बाद ही वापस लिया ये फैसला
ADVERTISEMENT