Study Room Tips And Tricks : वास्तुशास्त्र के मुताबिक, यदि अध्ययन कक्ष सही दिशा में न हो, तो इससे बच्चे की पढ़ाई भी प्रभावित होती है। वह जितनी चाहे मेहनत कर ले, लेकिन वास्तुदोष के कारण उसे मेहनत के अनुरूप परिणाम नहीं मिल पाता।
सनातन धर्म में वास्तु का विशेष महत्व है। ज्योतिष हमेशा गृह निर्माण से लेकर घर की सजावट तक वास्तु नियमों का पालन करने की सलाह देते हैं। लापरवाही बरतने पर जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पश्चिम देशों में भी वास्तु नियमों का पालन किया जाता है।
भारत में दैविक काल से वास्तु नियम का ख्याल रखा जाता है। हालांकि, कई लोग बच्चों की Study Room की वास्तु को लेकर लापरवाह हो जाते हैं। अगर आपके बच्चे का भी पढ़ाई में मन नहीं लगता है, तो Study Room में वास्तु के इन नियमों का जरूर पालन करें। आइए जानते हैं-
अनुभव से यह ज्ञात हुआ है कि प्रशासनिक सेवा, शिक्षा, रेलवे आदि सेवाओं की तैयारी करने वालों को पूर्व दिशा में ही अपने लिए पढ़ाई हेतु स्थान का चयन करना चाहिए। मेडिकल, कानून, टेक्निकल, कंप्यूटर आदि क्षेत्रों से जुड़े लोगों को अपनी पढ़ाई का कमरा दक्षिण दिशा में रखना चाहिए।
अकाउंट, संगीत, गायन, बैंक, व्यापार प्रबंधन आदि की तैयारी करने वालो को अपनी पढ़ाई के लिए उत्तर दिशा में व्यवस्था करनी चाहिए।
जबकि रिसर्च, साहित्य, इतिहास, दर्शनशास्त्र एवं दूसरे गंभीर विषयों की तैयारी करने वालों को पश्चिम दिशा में ही अपने लिए पढ़ाई का कमरा रखना चाहिए।
Study Room पढ़ाई करते समय मन एकाग्र रहे, इसके लिए कमरे में गुलाब या चंदन की धूपबत्ती या अगरबत्ती जलाना अच्छा रहता है। पढ़ने वाली मेज को दीवार से सटाकर रखना वास्तु दोष माना गया है। सोने के बिस्तर पर बैठकर या लेटकर पढ़ाई करना भी उचित नहीं है।
Study Room में बैठने की व्यवस्था ऐसी करनी चाहिए कि बच्चे का मुख दक्षिण दिशा में न रहें। दक्षिण दिशा में अग्नि की प्रधानता रहती है। अग्नि की प्रधानता के चलते बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता है। साथ ही बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है। इसके लिए ग्लोब या पिरामिड रख सकते हैं।
स्टडी रूम में मां शारदे और बल, बुद्धि एवं विद्या के दाता हनुमान जी समेत गणेश जी की चित्र जरूर लगाएं। इससे बच्चे की एकाग्रता बढ़ती है।
बच्चे को नियमित रूप से Study Room में सुबह स्नान-ध्यान के बाद हनुमान चालीसा और सरस्वती चालीसा का पाठ करने की सलाह दें। साथ ही गायत्री मंत्र का भी जाप जरूर करें। इससे बल, बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है।