World Menatal Health Day: हर किसी को नहीं मालूम डिप्रेशन और एंग्जायटी में फर्क, जानें इसके लक्षण और उपचार
World Menatal Health Day 2025: आज की तेज़-तर्रार और दबाव भरी जिंदगी में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। इनमें सबसे आम हैं अवसाद (Depression) और एंग्जायटी (Anxiety) यानी चिंता या घबराहट. अक्सर लोग इन दोनों को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन वास्तव में इनके बीच बड़ा अंतर है. सही इलाज और मानसिक संतुलन के लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि ये दोनों स्थितियां कैसे अलग हैं और कब इनका इलाज आवश्यक है.
एंग्जायटी क्या है?
एंग्जायटी को आम बोलचाल में घबराहट या चिंता कहा जाता है. यह आमतौर पर भविष्य में होने वाली अनिश्चित घटनाओं से जुड़ी होती है. उदाहरण के लिए, कोई परीक्षा, इंटरव्यू या किसी बड़े निर्णय से पहले चिंता महसूस होना.
एंग्जायटी के मुख्य लक्षण
लगातार बेचैनी या घबराहट
तेज़ दिल की धड़कन
सांस लेने में कठिनाई
पसीना आना
तनाव और चिड़चिड़ापन
क्या होता है एंग्जायटी का मुख्य केंद्र?
एंग्जायटी का मुख्य केंद्र ‘क्या होगा?’ की भावना होती है. यह व्यक्ति को सतर्क और सावधान रखने का काम करती है, लेकिन जब यह लगातार बनी रहती है, तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है.
डिप्रेशन क्या है?
डिप्रेशन, जिसे अवसाद भी कहा जाता है, एक गंभीर मानसिक स्थिति है. यह उदासी, निराशा और जीवन में रुचि खो देने से जुड़ा होता है.
डिप्रेशन के मुख्य लक्षण
लगातार उदासी और निराशा
ऊर्जा की कमी और थकान
पहले पसंद किए जाने वाले कामों में रुचि न होना
नींद और भूख की समस्या
खुद को बेकार या निरर्थक महसूस करना
क्या होता है डिप्रेशन का मुख्य केंद्र?
डिप्रेशन का मुख्य केंद्र ‘कुछ नहीं हो सकता’ की भावना होती है. यह व्यक्ति को नकारात्मक सोच में डाल देता है और दैनिक जीवन की गुणवत्ता पर गहरा असर डाल सकता है.
एंग्जायटी और डिप्रेशन का रिश्ता
ये जानना महत्वपूर्ण है कि एंग्जायटी और डिप्रेशन अक्सर एक साथ हो सकते हैं.
डिप्रेशन के मरीज को एंग्जायटी भी हो सकती है.
लंबी अवधि तक बनी एंग्जायटी डिप्रेशन में बदल सकती है, क्योंकि लगातार तनाव और चिंता मानसिक और शारीरिक थकान पैदा करते हैं.
इसलिए, दोनों स्थितियों के लक्षणों को समझना और समय रहते इलाज शुरू करना बेहद जरूरी है.
सही उपचार और प्रबंधन
इन मानसिक स्थितियों का सही प्रबंधन जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करता है। इलाज में शामिल हो सकते हैं:
थेरेपी: जैसे कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT)
दवाएं: चिकित्सक द्वारा निर्धारित मानसिक स्वास्थ्य दवाएं
जीवनशैली में बदलाव: नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद, तनाव प्रबंधन
मानसिक डॉक्टर से करें सलाह
यदि आपको या आपके किसी करीबी को एंग्जायटी या डिप्रेशन के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह लेना चाहिए. सही जानकारी और समय पर इलाज से इन समस्याओं को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है.