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स्कूल छोड़ने की नौबत, फिर भी बना भारत का यंग IAS-इस बेटे की कहानी हर दिल छू लेगी

Success Story: गरीब और साधारण परिवार से आने वाले अंसार शेख ने पढ़ाई के दम पर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। वे भारत के सबसे यंग IAS ऑफिसर हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था कि आर्थिक तंगी के चलते पढ़ाई छोड़ने तक की नौबत आ गई थी। प्रेरणा से कम नहीं है आईएएस अंसार शेख की कहानी।

Written By: Mohammad Nematullah
Last Updated: December 7, 2025 09:36:17 IST

UPSC IAS Ansar Shaikh Success Story: पक्के इरादे और कभी हार न मानने की भावना से इंसान पहाड़ भी हिला सकता है. महाराष्ट्र के एक गरीब परिवार से आने वाले अंसार शेख के लिए UPSC सिविल सर्विसेज़ एग्जाम पास करना किसी पहाड़ से कम नहीं था. गरीबी की वजह से एक बार उनके पिता को अपने बेटे को स्कूल से निकालने पर मजबूर होना पड़ा था. वह उसे स्कूल से निकालने के लिए स्कूल भी गए थे. लेकिन आज अंसार शेख की सफलता की कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणा से कम नहीं है.

उनके पिता एक ऑटो-रिक्शा ड्राइवर थे और मां खेत में मज़दूरी करती थी

अंसार शेख का जन्म महाराष्ट्र के मराठवाड़ा ज़िले के एक छोटे से गांंव जालना में हुआ था. उनके पिता ऑटो-रिक्शा चलाते थे और मां खेत में मज़दूरी करती थी. भाई-बहन समेत पांच लोगों का परिवार मुश्किल से गुज़ारा करता था. इसके बावजूद अंसार ने कभी पढ़ाई नहीं छोड़ी. उन्होंने शुरू से ही पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन किया है.

पिता ने उसे स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर किया

ऑटो-रिक्शा चलाकर पांच लोगों का पेट पालना मुश्किल था. उन्हें लगता था कि वे अपने बच्चों को पढ़ा भी नहीं सकते. अंसार शेख की पढ़ाई छुड़वाने का फैसला मजबूरी में लिया गया था. आखिरकार वह दिन आ ही गया जब उनके पिता अंसार के स्कूल पहुंचे. उन्होंने अपने बेटे को स्कूल से निकालने का मन बना लिया था, लेकिन एक टीचर ने उन्हें समझाया. टीचर ने कहा “आपका बेटा पढ़ाई में बहुत अच्छा है.” टीचर की बात सुनकर पिता ने अपना मन बदल लिया था.

मैं अपने भाई का बलिदान कभी नहीं भूलूंगा

पिता ने तय कर लिया था कि अंसार की पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन कैसे? तब उनके बड़े भाई ने एक बलिदान दिया है. उन्होंने अंसार के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दी, जो उस समय 7वीं क्लास में था। पढ़ाई छोड़ने के बाद, उन्होंने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए एक गैरेज में काम करना शुरू कर दिया है.

अंसार अपने पिता की उम्मीदों पर खरा उतरा, 12वीं में 91% नंबर लाए

अंसार ने वही किया जो उनके टीचर ने सलाह दी थी और उनके पिता ने उम्मीद की थी. परिवार की हालत को समझते हुए उन्होंने पूरी तरह से पढ़ाई पर ध्यान दिया और यह मानते हुए कि यही सब कुछ ठीक करने का एकमात्र तरीका है. उन्होंने स्कूल और फिर कॉलेज में अच्छे नंबर लाए. अंसार ने 12वीं बोर्ड एग्जाम में 91% नंबरों से पास किया, इसके बाद उन्होंने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया, जिसमें उन्हें 73% नंबर मिले। UPSC की तैयारी के दौरान कई नौकरियां की थी.

ग्रेजुएशन के बाद अंसार ने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) सिविल सर्विसेज़ परीक्षा की तैयारी शुरू की. तैयारी के साथ-साथ उन्होंने कई जगहों पर काम भी किया. उनकी आर्थिक दिक्कतों को देखते हुए कोचिंग संस्थानों ने उनकी फीस भी माफ कर दी थी.

2015 में अंसार ने पहली बार UPSC सिविल सर्विसेज़ परीक्षा के लिए अप्लाई किया और प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू के तीन मुश्किल स्टेज एक ही बार में पास करके अपने परिवार का नाम रोशन किया है.

भारत के सबसे कम उम्र के IAS ऑफिसर

गरीबी में जन्मे अंसार शेख आज भारत के सबसे कम उम्र के IAS ऑफिसर है. 21 साल की उम्र में उन्होंने देश की सबसे प्रतिष्ठित और मुश्किल परीक्षाओं में से एक UPSC सिविल सर्विसेज़ परीक्षा पास की. यह उनका पहला प्रयास था. परिवार दोस्तों और कोचिंग संस्थानों के सहयोग से उन्होंने 2015 में UPSC सिविल सर्विसेज़ परीक्षा पास की. उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में 361वीं ऑल इंडिया रैंक (UPSC AIR) हासिल की.

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